दालचीनी के अध्भुत औषधीय गुण : Amazing Medicinal Properties and uses of Dalchini , Cinnamon in Hindi and English

  दालचीनी के अध्भुत  औषधीय गुण : Amazing Medicinal Properties  and uses of Cinnamon in Hindi


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दालचीनी मन को प्रसन्न करती है।

सभी प्रकार के दोषों को दूर करती है।

यह पेशाब और मैज यानी की मासिक-धर्म को जारी करती है।

धातु को पुष्ट करती है।

मानसिक उन्माद यानी कि पागलपन को दूर करती है।

इसका तेल सर्दी की बीमारियों और सूजनों तथा दर्दो को शान्त करता है।

सिरदर्द के लिए यह बहुत ही गुणकारी औषधि होती है।

दालचीनी (Dalchini)उष्ण, पाचक, स्फूर्तिदायक, रक्तशोधक, वीर्यवर्धक व मूत्रल है ।

यह वायु व कफ का शमन कर उनसे उत्पन्न होनेवाले अनेक रोगों को दूर करती है ।

यह श्वेत रक्तकणों की वृद्धि कर रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाती है ।

बवासीर, कृमि, खुजली, राजयक्ष्मा ( टी,बी,), इन्फ्लूएंजा ( एक प्रकार का शीतप्रधान संक्रामक ज्वर), मूत्राशय के रोग, टायफायड, ह्रदयरोग, कैन्सर, पेट के रोग आदि में यह लाभकारी है ।

संक्रामक बीमारियों की यह विशेष औषधि है ।


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दालचीनी की उत्तम गुणवत्ता की पहचान : 

Identification of the best quality of cinnamon:


जो दालचीनी, पतली, मुलायम चमकदार, सुगंधित और चबाने पर तमतमाहट एवं मिठास उत्पन्न करने वाली हो, वह श्रेष्ठ होती है।


दालचीनी सेवन की मात्रा :

दालचीनी गर्म होती है। अत: इसे थोड़ी सी मात्रा में लेते हुए धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए। परन्तु यदि किसी प्रकार का दुष्प्रभाव या हानि हो तो सेवन को कुछ दिन में ही बंद कर देते हैं और दुबारा थोड़ी सी मात्रा में लेना शुरू करें।


दालचीनी पाउडर की उपयोग की मात्रा 1 से 5 ग्राम होती है। पाउडर चम्मच के किनारे से नीचे तक ही भरा जाना चाहिए। बच्चों को भी इसी प्रकार अल्प मात्रा में देते हैं। दालचीनी का तेल 1 से 4 बूंद तक काम में लेते हैं। दालचीनी का तेल तीक्ष्ण और उग्र होता है। इसलिए इसे आंखों के पास न लगाएं।


दालचीनी के फायदे कुछ प्रयोग : Dalchini Benefits in Hindi

1.हकलाना तुतलाना: ( Stammer ) – दालचीनी (Cinnamon)को रोजाना सुबह-शाम चबाने से हकलापन दूर होता है।


2.वीर्यवर्द्धक: Ejaculatory  - दालचीनी को बहुत ही बारीक पीस लेते हैं। इसे 4-4 ग्राम सुबह व शाम को सोते समय दूध से फांके। इससे दूध पच जाता है और वीर्य की वृद्धि होती है।


3.पेट में गैस:- Acidity


दालचीनी (Cinnamon)पेट की गैस को नष्ट करती है तथा पाचनशक्ति (भोजन पचाने की क्रिया) को बढ़ाती है।

2 चुटकी दालचीनी को पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर पानी के साथ लेने से पेट की गैस नष्ट हो जाती है।

दालचीनी के तेल में 1 चम्मच चीनी (शक्कर) डालकर पीने से पेट की गैस में लाभ होता हैं। ध्यान रहे कि अधिक मात्रा में लेने से हानिकारक होती है।

4.पित्त की उल्टी:- Vomiting bile

 दालचीनी (Cinnamon)को पीसकर शहद में मिलाकर रोगी को पिलाने से पित्त की उल्टी बंद हो जाती है।


5.कब्ज:- Constipation

दालचीनी, सोंठ, जीरा और इलायची थोड़ी सी मात्रा में मिलाकर खाते रहने से कब्ज और अजीर्ण (भूख न लगना) में लाभ होता है।

6.इनफ्लुएंजा:- Influenza

5 ग्राम दालचीनी, 2 लौंग और चौथाई चम्मच सोंठ को लेकर पीसकर 1 लीटर पानी में उबालें। चौथाई पानी के शेष रहने पर छानकर इस पानी के 3 हिस्से करके दिन में 3 बार रोगी को पिलाने से इनफ्लुएंजा में लाभ मिलता है।

गले का काग (कौआ) की वृद्धि हो जाना:- दालचीनी (Cinnamon)को बारीक पीसकर अंगूठे से सुबह के समय काग पर लगाएं और रोगी को लार टपकाने के लिए बोलें। इस प्रयोग से गले की कागवृद्धि दूर हो जाएगी।

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7.अपच:- Indigestion

 दालचीनी की 2 ग्राम छाल के चूर्ण को दिन में दो बार पानी से लेने से अपच (भोजन का न पचना) का रोग ठीक हो जाता है।

भूख न लगना:- 2 ग्राम दालचीनी और अजवायन को बराबर मात्रा में लेकर 3 भाग करके भोजन से पहले चबाने से भूख लगने लगती है।


8.खांसी – cough


दालचीनी को चबाने से सूखी खांसी में आराम मिलता है और यदि गला बैठ गया हो तो आवाज साफ हो जाती है।

चौथाई चम्मच दालचीनी पाउडर को 1 कप पानी में उबालकर 3 बार पीते रहने से खांसी ठीक हो जाती है तथा बलगम बनना बंद हो जाता है।

20 ग्राम दालचीनी, 320 ग्राम मिश्री, 80 ग्राम पीपल, 40 ग्राम छोटी इलायची, 160 ग्राम वंशलोचन को बारीक पीसकर मिलाकर मैदा की छलनी से छान लेते हैं। इसके बाद एक चम्मच शहद को आधा चम्मच मिश्रण में मिलाकर सुबह-शाम चाटे जो लोग शहद नहीं लेते हैं वे गर्म पानी से फंकी करें। यह मिश्रण घर में रखते हैं। जब कभी किसी को खांसी हो इसे देने से लाभ होता है।


Cinnamomum verum - Wikipedia

50 ग्राम दालचीनी पाउडर, 25 ग्राम पिसी मुलहठी, 50 ग्राम मुनक्का, 15 ग्राम बादाम की गिरी, 50 ग्राम शक्कर को लेकर बारीक पीसकर पानी मिलाकर मटर के दाने के आकार की गोलियां बना लेते हैं। जब भी खांसी हो 1 गोली चूसे अथवा हर 3 घंटे बाद एक गोली चूसे। इससे खांसी नहीं चलेगी और मुंह का स्वाद हल्का होगा।

कायफल के चूर्ण को दालचीनी के साथ खाने से पुरानी खांसी और बच्चों की कालीखांसी दूर हो जाती है।

9.दमा:- Asthma

 दालचीनी का छोटा सा टुकड़ा, चौथाई अंजीर या तुलसी के पत्ते, नौसादर (खाने वाला) ज्वार के दाने के बराबर, 1 बड़ी इलायची, काली दाख 4 (काले मुनक्के) थोड़ी सी मिश्री को मिलाकर बारीक पीसकर सेवन करने से दमे के रोग में लाभ होता है।

विधि : एक कप पानी में सभी चीजों को लेकर उबाल लेते हैं। जब आधा पानी शेष रह जाए तो छानकर रोजाना सुबह व शाम को पीना चाहिए। पीने के आधा घंटे बाद तक कुछ न खाएं, पानी भी न पियें। इसके सेवन करने से दमे का दौरा समाप्त हो जाता है।

गठिया , Arthritis

(जोड़ों का दर्द/सूजन):- Joint pain / swelling


1 भाग शहद, 2 भाग हल्का गर्म पानी और 1 छोटी चम्मच दालचीनी पाउडर को मिला लेते हैं। जिस जोड़ में दर्द कर रहा हो, उस पर धीरे-धीरे इसकी मालिश करें। दर्द कुछ ही मिनटों में मिट जाएगा।

1 गिलास दूध में 1 गिलास पानी मिलाकर इसमें 1 चम्मच पिसी हुई दालचीनी, 4 छोटी इलायची, 1-1 चम्मच सोंठ व हरड़ तथा लहसुन की 3 कली के छोटे-छोटे टुकडे़ डालकर उबालें जब दूध आधा शेष रह जाए तो इसे गर्म ही पीना चाहिए। लहसुन को भी दूध के साथ ही निगल जाना चाहिए। इससे आमवात व गठिया में लाभ मिलता है।


10.बालों का झड़ना:- आलिव ऑयल गर्म करके इसमें 1 चम्मच शहद और 1 चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर, लेप बनाकर, सिर में बालों की जड़ों व त्वचा पर स्नान करने से 15 मिनट पहले लगा लें। जिन लोगों के सिर के बाल गिरते हो और जो गंजे हो गये हो उन्हें लाभ होता है।


11.बालों का दोमुंहा होना:-

File:CinnamonBarkEssentialOil.png - Wikimedia Commons

बालों पर एक चमकदार और सुरक्षित परत होती है जिसे क्यूटिकल कहते हैं। जब यह परत टूटती है, तो बालों के सिरे भी टूटने लगते हैं। कई बार बालों के अत्यधिक सूखे और कमजोर होने के कारण भी बाल दोमुंहे होने लगते हैं। गीले बालों में कंघी करने से भी बालों की सुरक्षा परत को नुकसान पहुंचता है और यह भी बालों के दोमुंहे होने का कारण बनते हैं। इसी तरह तेज-तेज कंघी करने और धूप में ज्यादा देर रहने से भी बाल कमजोर हो जाते हैं।

दोमुंहे बालों का सबसे अच्छा यही उपचार है कि उन्हें काट दें। बालों को नियमित रूप से काट-छांटकर उन्हें दोमुंहा होने से बचाया जा सकता है। बालों की सुरक्षा हेतु दालचीनी का प्रयोग करें। इससे बाल मजबूत और सुरक्षित रहेंगे।

12.मूत्राशय संक्रमण:- 2 चम्मच दालचीनी पाउडर और 1 चम्मच शहद को 1 गिलास हल्के गर्म पानी में घोलकर पीना चाहिए। इससे मूत्राशय के रोग नष्ट हो जाते हैं।


13.दांत दर्द:- Toothache


एक चम्मच दालचीनी पाउडर को 5 चम्मच शहद में मिला लेते हैं। इसे दांतों पर रोजाना दिन में 3 बार लगाना चाहिए। इससे दांत दर्द ठीक हो जाता है। जब तक दर्द पूरा ठीक न हो जाए तो इसे लगाना चाहिए।

दालचीनी का तेल दुखते दांत पर लगाने से दांत दर्द ठीक हो जाता है। चौथाई चम्मच दालचीनी पाउडर की फंकी गर्म पानी से दिन में 3 बार लेने से लाभ मिलता है। इसे 1 चम्मच शहद में भी मिलाकर दे सकते हैं।

14.जुकाम:- common cold


1 ग्राम दालचीनी, 3 ग्राम मुलहठी और 7 छोटी इलायची को अच्छी तरह से पीसकर 400 मिलीलीटर पानी में मिलाकर आग पर पकाकर रख दें। पकने के बाद जब पानी आधा बाकी रह जाये तो इसमें 20 ग्राम मिश्री डालकर पीने से जुकाम दूर हो जाता है।

एक बड़े चम्मच शहद में चौथाई चम्मच दालचीनी का पाउडर मिलाकर एक बार रोजाना खाने से तेज व पुराना जुकाम, पुरानी खांसी और साइनसेज ठीक हो जाते हैं। इसे दिन में कम से कम 3 बार लेना चाहिए तथा रोग ठीक होने तक लेते रहें। रोग की प्रारम्भ में इसे 2 बार रोजाना लेना चाहिए।

1 से 3 बूंद दालचीनी के तेल को मिश्री के साथ रोजाना 2-3 बार सेवन करने से जुकाम में आराम आता है। थोड़ी सी बूंदे इस तेल की रूमाल में डालकर सूंघने से भी लाभ होता है।

15.कंधे में दर्द : Shoulder pain

Cinnamon - Wikipedia

कभी-कभी कंधे में दर्द होता है। दालचीनी का प्रयोग करने से कंधे का दर्द ठीक हो जाता है।

शहद और दालचीनी पाउडर को बराबर मात्रा में मिलाकर रोजाना 1 चम्मच सुबह के समय सेवन करने से शरीर में रोगाणुओं और वायरल संक्रमण से लड़ने की शक्ति बढ़ती है, शरीर की प्रतिरोधी शक्ति बढ़ती है। कंधे पर इसी मिश्रण की मालिश करके अन्त में लेप करना चाहिए।

16.सन्तानहीनता, बांझपन:- Infertility, infertility


वह पुरुष जो बच्चा पैदा करने में असमर्थ होता है, यदि रोजाना सोते समय 2 बड़े चम्मच दालचीनी ले तो वीर्य में वृद्धि होती है और उसकी यह समस्या दूर हो जाती है।

जिस स्त्री के गर्भाधारण ही नहीं होता, वह चुटकी भर दालचीनी पाउडर 1 चम्मच शहद में मिलाकर अपने मसूढ़ों में दिन में कई बार लगायें। थूंके नहीं। इससे यह लार में मिलकर शरीर में चला जाएगा। इससे स्त्रियां कुछ ही दिनों में गर्भवती हो जाती हैं।


17.गर्भस्राव:– Miscarriage

 कमजोर गर्भाशय के कारण बार-बार गर्भस्राव होता रहता है। गर्भधारण से कुछ महीने पहले दालचीनी और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर 1 चम्मच रोजाना सेवन करने से गर्भाशय शक्तिशाली हो जाएगा।


18.मुंह से बदबू:- Bad smell

 दालचीनी का टुकड़ा चबाकर चूसने से मुंह की बदबू दूर हो जाती है और दांत मजबूत हो जाते हैं।


19.धूम्रपान:- smoking 

 1 चम्मच शहद में 1 चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर एक चौड़े मुंह की छोटी शीशी में रख लें। जब भी बीड़ी, सिगरेट, जर्दा खाने की इच्छा हो तो इसमें अंगुली डुबोकर चूसें। इससे धूम्रपान छूट जाएगा। मन में निश्चय करके भी धूम्रपान को छोड़ा जा सकता है।


20.कोलेस्ट्राल:- Cholesterol

 2 बड़े चम्मच शहद, 3 चम्मच दालचीनी पाउडर और 400 मिलीलीटर चाय का उबला पानी घोलकर पियें। इसे पीने के 2 घंटे के बाद ही खून में 10 प्रतिशत कोलेस्ट्राल कम हो जाएगा। यदि 3 दिन तक लगातार पियें तो कोलेस्ट्राल का कोई भी पुराना रोगी हो वह ठीक हो जाएगा।


21.हार्टअटैक:-


 शहद और दालचीनी को बराबर मात्रा में मिलाकर एक चम्मच नाश्ते में ब्रेड या रोटी में लगाकर रोजाना खाएं। इससे धमनियों का कोलेस्ट्राल कम हो जाता है। जिसको एक बार हार्ट अटैक आ चुका है, उनको दुबारा हार्ट अटैक नहीं आता है।


22.दीर्घ आयु :

File:Cinnamon leaf oil 25ml Bottle .jpg - Wikimedia Commons

एक चम्मच दालचीनी पाउडर को 3 कप पानी में उबालें। उबलने के बाद हल्का सा गर्म रहने पर इसमें 4 चम्मच शहद मिलाएं। एक दिन में इसे 4 बार पियें। इससे त्वचा कोमल व ताजी रहेगी और बुढ़ापा भी दूर रहेगा।

वरिष्ठ नागरिक जो दालचीनी और शहद का बराबर मात्रा में सेवन करते हैं उनका शरीर अधिक फुर्तीला और लचकदार रहता है।

23.मोटापा घटाना:–  Weight Loose 

1 कप पानी में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर उबालते हैं। इसमें 1 चम्मच शहद डालकर रोजाना सुबह नाश्ते से पहले तथा रात को सोने से पहले पियें इससे वजन कम होगा और मोटापा नहीं बढे़गा।

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24.बहरापन:-


शहद और दालचीनी पाउडर को बराबर मात्रा में मिलाकर 1-1 चम्मच सुबह और रात को लेने से सुनने की शक्ति दुबारा आ जाती है अर्थात बहरापन दूर होता है।

कान से कम सुनाई देने के रोग (बहरापन) में कान में दालचीनी का तेल डालने से आराम आता है।

25.मुंहासें:- Acne


3 चम्मच शहद में 1 चम्मच दालचीनी पाउडर और कुछ बूंदे नींबू के रस की डालकर लेप बनाकर चेहरे पर लगाएं। फिर 1 घंटे के बाद धोएं। इससे चेहरे के मुंहासे ठीक हो जाएंगे।

चौथाई चम्मच दालचीनी में नींबू के रस की कुछ बूंदे डालकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं। इसे एक घंटे बाद धोते हैं। इससे मुंहासे ठीक हो जाएंगे।

26.मुंह पर दाग:- Pimples

दूध की मलाई में चुटकी भर दालचीनी मिलाकर चेहरे पर मलने से चेहरे के दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं।


27.त्वचा संक्रमण:- skin infection

 दाद, रिंगवर्म और समस्त त्वचा संक्रमण रोगों को ठीक करने के लिए बराबर मात्रा में शहद और दालचीनी को मिलाकर रोजाना लगाना चाहिए।


28.डायबिटीज से होने वाले रोग:- दालचीनी का रोजाना सेवन करने से थकान, आंखों की रोशनी कम होना, दिल, किडनी खराब होना आदि रोगों से बचाव होता है। सेवन



विधि:- 1 कप पानी में दालचीनी पाउडर को उबालकर, छानकर रोजाना सुबह पियें। इसे कॉफी, खाद्य-पदार्थों में भी मिलाकर पी सकते हैं। इसे सेवन करने के हर दसवें दिन मधुमेह की जांच करवाकर इसके लाभ को देखें। सावधानी:- दालचीनी बताई गई अल्प मात्रा में लें, इसे अधिक मात्रा में लेने से हानि हो सकती है।


29.हिचकी:- hiccup


3 बूंद दालचीनी के तेल को आधा कप पानी में मिलाकर पीने से हिचकी बंद हो जाती है।

दालचीनी चबाकर चूसने से हिचकी आना रुक जाती है।


30.पेट के कीडे़:- चौथाई चम्मच दालचीनी के चूर्ण को 1 चम्मच शहद में मिलाकर रोजाना एक बार लेना चाहिए। इससे पेट के कीडे़ नष्ट हो जाते हैं।


31.बवासीर:- Piles


चौथाई चम्मच दालचीनी के चूर्ण को 1 चम्मच शहद में मिलाकर रोजाना एक बार लेना चाहिए। इससे बवासीर का रोग दूर हो जाता है।

आधा चम्मच दालचीनी पाउडर को 1 कप पानी में उबालकर, खाने के आधा घंटे बाद सुबह-शाम पीने से रक्तस्रावी बवासीर ठीक हो जाती है।

32.फोड़ा:- दालचीनी को पानी में पीसकर उठते फोड़े पर लेप करने से फोड़ा बैठ जाता है तथा फोड़ा पकता नहीं है।


33.त्वचा की सूजन:- Skin inflammation

 दालचीनी को पानी में पीसकर चमड़ी में जहां पर रोग हो वहां पर लेप करने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं तथा सूजन वाले स्थान पर लगाने से सूजन दूर हो जाती है।


34.टांसिल:-

File:Crabwood oil or Andiroba oil.JPG - Wikimedia Commons

चुटकी भर दालचीनी को 1 चम्मच शहद में मिलाकर रोजाना 3 बार चूसने से टांसिल (गांठे) ठीक हो जाती है।

दालचीनी को पीसकर शहद में मिलाकर उंगली से टांसिल पर लगाने से लाभ होता है।

35.टायफाइड:-

 टायफाइड की चिकित्सा जिस किसी प्रकार की औषधि से हो रही हो, उनके साथ 1 बार रोजाना 3 बूंद दालचीनी का तेल आधा कप पानी में डालकर रोगी को पिलाने से तेजी से लाभ होता है।


36. स्मरणशक्तिवर्द्धक:- Mnemonic

सुबह-शाम आधा चम्मच दालचीनी पाउडर की पानी से फंकी लेते रहने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है तथा बुद्धि का विकास होता है।


37.पेशाब में रुकावट:- Obstruction in urination

 दालचीनी लेने से पेशाब अधिक बनता है और पेशाब की रुकावट दूर होती है। इससे पेशाब खुलकर और बिना दर्द के आता है। पेशाब में मवाद आना बंद हो जाता है। इसके लिए रोजाना 3 बार आधा चम्मच दालचीनी पाउडर की पानी से फंकी लें।


38.यक्ष्मा (टी.बी):- 2 चम्मच मिश्री पर दालचीनी के तेल की 4 बूंद डालकर रोजाना 3 बार खाने से टी.बी के रोग में लाभ होता है। यदि टी.बी में फेफड़ों से रक्तस्राव (खून बहना) होता है। इसमें आधा चम्मच दालचीनी पाउडर पानी से रोजाना 2 बार फंकी लेने से लाभ मिलता है।


39.रक्तविकार:- blood disorder

 दालचीनी खून को साफ करती है। यह खून की सफेद कोशिकाओं की संख्या को बढ़ाती है। इसके लिए चौथाई चम्मच दालचीनी को एक चम्मच शहद में मिलाकर रोजाना लेते हैं।


40.गर्मी देने वाली:- यदि कोई व्यक्ति बेहोश हो गया हो उसका शरीर ठण्डा पड़ गया हो, कमजोर हो गया हो तो दालचीनी का आधा चम्मच तेल 3 चम्मच तिल के तेल में मिलाकर मालिश करने से शरीर में गर्मी और चेतना आ जाती है।


41.वीर्य की पुष्टि:- Semen confirmation

 दालचीनी गर्म और खुश्क होती है। लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग दालचीनी और लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग सफेद कत्था पीसकर पानी से दिन में 3 बार लेने से पेट के दस्त और मरोड़ ठीक हो जाते हैं। 1-1 ग्राम पिसी हुई दालचीनी को सुबह-शाम गर्म दूध से 15-20 दिन प्रयोग करने से वीर्य पुष्ट हो जाता है।


42.अग्निमान्द्य:- Incendiary

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दालचीनी का चूर्ण 2 से 4 ग्राम दिन में 2 बार पानी के साथ लेने से अग्निमान्द्य (भूख कम लगना) दूर हो जाता है।

बारीक पिसी हुई 2 से 3 ग्राम देशी चीनी में दालचीनी का शुद्ध तेल 5 से 6 बूंद डालकर सुबह और शाम सोने से पहले रात को 1 सप्ताह तक लेने से अग्निमान्द्य (भोजन का न पचना) में लाभ होता हैं।

43.कुछ अन्य सरल प्रयोग:- Some other simple experiments


दालचीनी, कालीमिर्च और अदरक का काढ़ा पीने से जुकाम दूर हो जाता है।

दालचीनी का सेवन करने से अजीर्ण (भूख न लगना), उल्टी, लार, पेट का दर्द और अफारा (पेट में गैस) मिटता है। यह स्त्रियों का ऋतुस्राव (मासिक-धर्म) साफ करती है और गर्भाशय का संकोचन करती है।

1 ग्राम दालचीनी और 5 ग्राम छोटी हरड़ को मिलाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 100 मिलीलीटर गर्म पानी में मिलाकर रात को पीने से सुबह साफ दस्त होता है और पेट की कब्ज दूर होती है।

लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग दालचीनी और सफेद कत्थे के चूर्ण को शहद में मिलाकर खाने से अपच (भोजन का न पचना) के कारण बार-बार होने वाले पतले दस्त बंद हो जाते हैं।

लगभग 1.20 ग्राम दालचीनी का चूर्ण ताजे पानी से लेने से पेचिश बंद हो जाती है।

दालचीनी का तेल 2 से 3 बूंद 1 कप पानी में मिलाकर सेवन करने से इन्फ्लूएंजा, ज्वर (बुखार), ग्रहणी (दस्त), आन्त्रशूल (आंतों में दर्द), हिचकी और उल्टी में लाभ होता है।

दालचीनी के तेल अथवा रस में रुई का फाया भिगोकर दुखती दाढ़ या दांत पर रखने से लाभ होता है।

दालचीनी, कत्था, जायफल और फिटकरी को मिलाकर उसकी गोटी योनि में रखने से प्रदर रोग मिटता है तथा योनि का संकोचन दूर होता है।

44. पेशाब का बार-बार आना:- Frequent urination


दालचीनी को पीसकर सोते समय पानी से लेने से पेशाब का बार-बार आना कम हो जाता है।

10 ग्राम पिसी दालचीनी में, 10 ग्राम चीनी मिलाकर लगभग 2 ग्राम की मात्रा में रात को सोते समय पानी से लेने से पेशाब के बार-बार आने के रोग से छुटकारा मिलता है।


45.दांतों में कीड़े लगना:-  Teeth worms

दालचीनी के तेल में रूई भिगोकर दांत के गड्ढ़े में रखें। इससे दांत के कीड़े व दर्द नष्ट हो जाते हैं।


46.अफारा (गैस का बनना):- दालचीनी के तेल की 1 से 3 बूंद को मिश्री के साथ सुबह और शाम रोगी को देने से पेट के अफारे (गैस) में लाभ होता है।


47.डकार के आने पर:- 1 से 3 बूंद दालचीनी के तेल को बताशे या चीनी पर डालकर सुबह और शाम सेवन करने से डकार और पेट में गैस बंद हो जाती है।


48.जीभ और त्वचा की सुन्नता:-  Numbness of tongue and skin


जीभ का लकवा, जीभ सुन्न हो जाने पर, दालचीनी का तेल मिश्री में मिलाकर 1 से 3 बूंद रोजाना दिन में 2 से 3 बार सेवन करें तथा दालचीनी का चूर्ण मुंह में रखकर बराबर चूसते रहें।


49.जीभ का स्वाद ठीक करना:- Tongue Taste

 जबान (मुंह) पर कड़वाहट लगने पर दालचीनी या बच को पीसकर और छानकर इस चूर्ण में शहद मिला लें। इससे रोजाना जीभ को मलने से जीभ की कड़वाहट दूर होती है।


50.यात्राजन्य रोग:- Travel sickness

 1 से 3 बूंद दालचीनी के तेल को बतासे पर डालकर मुंह में रखने से यात्रा में उबकाई नहीं आती है।


51.वमन (उल्टी):-


दालचीनी को पीसकर उसमें थोड़ा-सा शहद मिलाकर चाटने से उल्टी आना बंद हो जाती है।

गर्मी के कारण अगर उल्टी हो रही हो तो दालचीनी को पीसकर शहद में मिलाकर चाटने से लाभ होता है।

दालचीनी के 1 से 2 ग्राम चूर्ण को 3 बराबर भाग में करके शहद से दिन में 3 बार लेने से उल्टी बंद हो जाती है।

दालचीनी के तेल की 5 बूंदे ताल मिश्री के चूर्ण या बताशे में डालकर खाने से पेट का दर्द और उल्टी आने का रोग दूर हो जाता है।

52.कैन्सर रोग:-


दाल चीनी कैन्सर में अधिक दी जाती है। दालचीनी का तेल 3 बूंद रोजाना 3 बार दें। साथ ही दालचीनी चबाते रहने का निर्देश दें। यदि घाव बाहर हो, तेल लगाना सम्भव हो तो दालचीनी का तेल लगाते भी रहें। यह प्रतिदूषक, व्रणशोधक, व्रणरोपक और रोगाणु नाशक भी है।

दाल चीनी का काढ़ा रोजाना 350 ग्राम पीने से कैंसर रोग में राहत मिलती है।

2 चम्मच शहद में 1 चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर रोजाना 3 बार चाटने से सभी प्रकार के कैंसर नष्ट हो जाते हैं।

53.नपुंसकता:- Impotence

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75 ग्राम दालचीनी को पीसकर छान लें। इस 5 ग्राम चूर्ण को पानी में पीसकर सोते समय लिंग पर सुपारी (लिंग का अगला हिस्सा) छोड़कर लेप करें और 2-2 ग्राम सुबह-शाम दूध से लें। इससे कुछ ही समय में नपुंसकता के रोग से मुक्ति मिल जायेगी ।


54.दस्त:- Diarrhea


10 ग्राम दालचीनी, 10 ग्राम कत्था और 5 ग्राम फुलाई हुई फिटकरी को अच्छी तरह पीसकर लगभग 2 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 से 3 बार पानी के साथ पीने से दस्तों के रोग में लाभ होता है।

2 ग्राम दालचीनी का बारीक चूर्ण बनाकर ताजे पानी के साथ प्रयोग करने से अतिसार यानी दस्त की बीमारी से रोगी को तुरन्त आराम मिलता है।

दालचीनी का काढ़ा बनाकर रोजाना सुबह और शाम सेवन करने से दस्त आना बंद हो जाते हैं।

2 ग्राम बारीक दालचीनी और 5 ग्राम सौंफ को मिलाकर खाने से दस्तों में लाभ मिलता है।

दालचीनी, जायफल और खैरसार को पीसकर छोटी-छोटी गोली बनाकर रख लें, फिर इसी बनी गोली को प्रयोग करने से दस्त के कारण शरीर में आई कमजोरी समाप्त होती है।

2 ग्राम बारीक पिसी हुई दालचीनी पानी के साथ सेवन करने से दस्त आना बंद हो जाता है अथवा दालचीनी और कत्था बराबर मात्रा में लेकर पीसकर आधा चम्मच रोजाना 3 बार सेवन करने से भी दस्त बंद हो जाते हैं।

दालचीनी, चुनिया, गोंद और अफीम को मिलाकर छोटी-छोटी गोली बनाकर खुराक के रूप में प्रयोग करने से अतिसार (दस्त) में लाभ मिलता है।

55.गर्भवती स्त्री की उल्टी:- Pregnant woman vomiting


1 से 3 बूंद दालचीनी का तेल सुबह-शाम मिश्री के साथ सेवन करने से वमन (उल्टी) होना बंद हो जाती है।

56.आमातिसार:- bische

 दालचीनी का काढ़ा बनाकर रोजाना 2 से 3 बार सेवन करने से आमातिसार (ऑवयुक्तदस्त) का रोग दूर हो जाता है।

57.संग्रहणी (पेचिश):-


दालचीनी का काढ़ा रोजाना 3 बार सेवन करने से संग्रहणी अतिसार के रोगी का रोग दूर हो जाता है।

मासिक-धर्म समाप्ति के बाद होने वाले शारीरिक व मानसिक विकार:- मासिक-धर्म के समाप्ति के बाद होने वाले शारीरिक और मानसिक परेशानी से बचने के लिए 1 से 3 बूंद दालचीनी के तेल को बताशे पर डालकर सुबह-शाम सेवन करना लाभकारी होता है।

58.गुर्दे के रोग:- Kidney disease


दालचीनी का चूर्ण बनाकर 1 ग्राम की मात्रा में पानी के साथ खाने से गुर्दे का दर्द दूर हो जाता है।


59.गुर्दे की सूजन:- Kidney inflammation

 दालचीनी को खाने से गुर्दे की सूजन मिट जाती है।


60.एड्स:- दालचीनी एड्स के लिये बहुत ही लाभदायक होती है क्योंकि इससे खून के सफेद कण की वृद्धि होती है, जबकि एड्स में सफेद कण का कम होना ही अनेक रोगों को आमन्त्रित करता है। साथ ही पेट के कीड़े साफ करने, घाव को भरने एवं ठीक करने के गुणों से युक्त होता है। दालचीनी का चूर्ण लगभग 1 ग्राम का चौथाई भाग की मात्रा में अथवा तेल 1 से 3 बूंद की मात्रा में रोजाना 3 बार सेवन करें।


61.नजला:-


7 काली मिर्च और 7 बताशों को 250 ग्राम पानी में डालकर पकाने के लिये रख दें। पकने के बाद यह पानी 1 चौथाई बाकी रह जाने पर एक शीशी में भरकर रख लें। इस पानी को 2 दिन तक सुबह खाली पेट और रात को सोते समय पीने से नजला बिल्कुल ठीक हो जाता है।

इसके साथ ही जुकाम, खांसी और हल्का-सा बुखार या शरीर का दर्द भी दूर हो जाता है। इसको पीने से पसीना भी बहुत आता है और पसीना आने के साथ ही शरीर का भारीपन समाप्त होकर शरीर हल्का हो जाता है।

62.रक्तप्रदर:- रक्तप्रदर में 1 से 3 बूंद दालचीनी का तेल अशोकारिष्ट के प्रत्येक मात्रा के साथ रोजाना 2 बार लेने से गर्भाशय की शिथिलता कम होती है और रक्तप्रदर भी ठीक हो जाता है। रक्तप्रदर में दालचीनी चबाने को भी देना चाहिए।


63.रक्तपित्त:- Blood bile

 मुंह या फेफड़ों से बहने वाले खून में दालचीनी के काढ़े का रोजाना प्रयोग करने से लाभ होता है।


64.नींद न आना:- Insomnia


 लगभग 125 मिलीलीटर पानी में 3 ग्राम दालचीनी को खूब उबालें। फिर इसको छानकर इसमें 3 बताशे डालकर हल्का गर्म करके सुबह के समय पिलाने से नींद अच्छी आती है।


65.वीर्य के रोग में:-


20 ग्राम दालचीनी को पीसकर इसमें 20 ग्राम चीनी मिलाकर 2-2 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम दूध से लेने से वीर्य के रोग ठीक हो जाते हैं।

5-5 ग्राम दालचीनी और काले तिल को पीसकर शहद में मिलाकर चने के बराबर की गोलियां बनाकर छाया में सुखा लें और संभोग से 2 घंटे पहले एक गोली गर्म दूध से लें।

3 ग्राम दालचीनी के चूर्ण को रात में सोते समय गर्म दूध के साथ खाने से वीर्य की वृद्धि होती है।

दालचीनी के तेल में 3 गुना जैतून का तेल मिलाकर शिश्न पर लगाने से मर्दानगी लौट आती है। ध्यान रहे कि इस पर ठण्डा पानी न पड़े।

दालचीनी का चूर्ण बनाकर 1 चम्मच की मात्रा में खाना खाने के बाद रोज दो बार दूध के साथ लेने से वीर्य के रोग में लाभ होता है।

66.प्रसव का आसानीपूर्वक होना:- 1-1 चम्मच दालचीनी और सौंफ को 200 मिलीलीटर पानी में उबालें जब यह एक चौथाई रह जाये तो इसे ठण्डा करके पीने से प्रसव आसानी से हो जाता है।


67.योनि का दर्द:- Vaginal pain

1 से 3 बूंद दालचीनी के तेल को बताशे पर डालकर रोजाना सुबह और शाम सेवन करने से योनि का दर्द समाप्त हो जाता हैं।


68.पेट में दर्द: –


1 से 3 बूंद दालचीनी के तेल को मिश्री के साथ सेवन करने से पेट के दर्द में लाभ मिलता है।

दालचीनी को बारीक पीसकर चूर्ण बनाकर उसमें थोड़ी-सी हींग मिलाकर 250 ग्राम पानी में डालकर उबालकर ठण्डा कर लें, फिर इसमें से थोड़ी-सी मात्रा में दिन में 3 से 4 बार रोगी को पिलाने से पेट के दर्द में लाभ मिलता है।

2 ग्राम दालचीनी में थोड़ी-सी हींग और कालानमक मिलाकर सेवन करने से पेट का दर्द दूर हो जाता है।

दालचीनी थोड़ी मात्रा में और हींग को लगभग 1 गिलास पानी की मात्रा में उबालकर रख लें। इस बने घोल को दिन में 2 बार 4-4 चम्मच की मात्रा में पीने से पेट के दर्द में आराम होता है।

दालचीनी और नागदोन के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से पेट के रोग कम होते जाते हैं।

दालचीनी को थोड़ी मात्रा में सेवन करने से लाभ होता है। ध्यान रहे कि इसका अधिक मात्रा में प्रयोग नुकसानदायक हो सकता है।

यदि शहद और दालचीनी बराबर मात्रा में मिलाकर रोजाना 1 चम्मच सेवन किया जाए तो पेट दर्द, गैस, पेट के घाव, पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं।

69.बहुमूत्र रोग:- 10 ग्राम दालचीनी को पीसकर इसमें 10 ग्राम चीनी मिला लें और इसे पानी के साथ 2 ग्राम रात को सोते समय लें। इससे बहुमूत्र (बार-बार पेशाब आना) के रोग में लाभ होता है।


70. हैजा:- दालचीनी, तेजपात, रास्ना, अगर, सहजना, कड़वा कूठ, बच तथा शतावर-इन सबको बराबर मात्रा में नींबू के रस में बारीक पीसकर हैजा के रोगी के पेट पर लेप करने से दर्द सहित हैजा ठीक हो जाता है।


हाथ-पैरों की ऐंठन:- हाथ-पैरों की ऐंठन के रोगी को दालचीनी का तेल 1 से 2 बूंद रोजाना सेवन कराने से लाभ मिलता है।


71.बालरोग:- छोटे बच्चों को दस्त हो तो गर्म दूध में चुटकी भर पिसी हुई दालचीनी मिलाकर पिलाने से दस्त बंद हो जाते हैं।


72.सिर का दर्द:-


दालचीनी को पीसकर पानी के साथ सिर पर लेप की तरह से लगाने से ठण्डी हवा लगने से या सर्दी में घूमने से या ठण्ड लगने से होने वाला सिर का दर्द ठीक हो जाता है।

पित्तज या गर्मी के कारण होने वाले सिर के दर्द में दालचीनी, मिश्री और तेजपात को चावलों के पानी में पीसकर सूंघने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।

लगभग 5 या 6 बूंद दालचीनी के तेल को 2-3 चम्मच तिल के तेल में मिलाकर मालिश करने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।

दालचीनी को पानी में रगड़कर माथे पर लेप करने से सिर दर्द और तनाव दूर हो जाता है।

सर्दी के कारण सिरदर्द होने पर पानी में दालचीनी पीसकर गर्म करके ललाट और कनपटी पर लेप करने से लाभ होता है।

73.नाड़ी का दर्द:- 1 से 3 बूंद दालचीनी के तेल को सुबह-शाम मिश्री के साथ मिलाकर लेने और इसके तेल से नाड़ी दर्द में मालिश करने से सभी प्रकार के दर्द खत्म होते हैं।


74.याददाश्त कमजोर होना:- बराबर मात्रा में दालचीनी और मिश्री को लेकर पीसकर इसका चूर्ण बनाकर कपड़े में छान लें इसे रोजाना 3-4 ग्राम दूध के साथ लेने से याददाश्त मजबूत हो जाती है और भूलने की बीमारी दूर हो जाती है।


75.कण्ठरोहिणी:- दालचीनी के काढ़ा का अभ्यान्तरिक सेवन और गरारे करने से गले की जलन और संक्रमण दोनों रोग समाप्त हो जाते हैं।


76.बालरोगों की औषधि:- दालचीनी, इलायची, तेजपत्ता और नागकेसर को बारीक पीसकर और छानकर गाय के गोबर के रस और शहद में मिलाकर चटाने से बच्चों की वमन (उल्टी) बंद हो जाती है।


77.शरीर को मोटा और शक्तिशाली बनाना:- दालचीनी को बारीक पीसकर इसका चूर्ण बना लें। शाम को इसके लगभग 2 ग्राम चूर्ण को 250 मिलीलीटर दूध में डालकर 1 चम्मच शहद में मिलाकर पीने से शरीर की ताकत के साथ साथ मनुष्य के वीर्य में भी वृद्धि होती है।

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78.पेचिश:-


लगभग 2 ग्राम पिसी हुई दालचीनी को ठण्डे पानी से फंकी लेने से दस्त बंद हो जाते हैं। गर्म पानी से लेने से पेचिश में लाभ होता है।

दालचीनी और सफेद कत्था (पान में लगाने का) बराबर मात्रा में पीसकर आधी चम्मच की फंकी 3 बार रोजाना ठण्डे पानी से लेने से अपच के कारण बार-बार होने वाले दस्त बंद हो जाते हैं। यह शहद में मिलाकर भी ले सकते हैं।

2 ग्राम दालचीनी और 2 ग्राम लौंग को पीसकर आधा गिलास पानी में उबालें इस पानी की दो-दो घूंट हर 1-1 घंटे के अन्तर से रोगी को पिलाने से पेचिश के रोग में लाभ मिलता है। इस प्रयोग से मल बंधकर आता है बार-बार शौच के लिए नहीं जाना पड़ता है। पेचिश व दस्त दोनों में यह लाभकारी होता है।

79.सांस में बदबू:- सांसों में आने वाली बदबू के लिए वाष्पीकृत, सल्फर यौगिक उत्तरदायी, होते हैं जैसे- हाइड्रोजन सल्फाइड, मिथाइल, मरकैप्टन आदि। इन यौगिकों के स्रोत में ऐसे बैक्टीरिया होते हैं, जो ऑक्सीजन के बिना भी जीवित रह सकते हैं। ये बैक्टीरिया मुंह की भीतरी दीवार की कोशिकाओं, जीभ, मसूढ़ों और दांतों की संधि के बीच रहते हैं। सुबह 2 कप पानी में 1 चम्मच शहद, आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर गरारे करने से दिन भर सांस में बदबू नहीं आएगी और ताजगी अनुभव होगी।


दालचीनी के नुकसान : Dalchini Side Effects in Hindi

दालचीनी गर्म होती है। अत: इसे थोड़ी सी मात्रा में लेते हुए धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए। परन्तु यदि किसी प्रकार का दुष्प्रभाव या हानि हो तो सेवन को कुछ दिन में ही बंद कर देते हैं और दुबारा थोड़ी सी मात्रा में लेना शुरू करें।


(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग kre )


Cinnamon uses and Health Benefits in English


: Amazing Medicinal Properties and uses of Dalchini


Cinnamon pleases the mind.


Removes all types of defects.


It releases urine and mazes.


Reinforces the metal.


Mental mania means that it removes madness.


Its oil calms the diseases and pains of colds.


It is a very effective medicine for headache.


Cinnamon (Dalchini) is warm, digestive, refreshing, blood-resistant, semen-enhancing and diuretic.

It suppresses air and phlegm and removes many diseases arising from them.

It increases immunity by increasing white blood cells.

It is beneficial in piles, worms, itching, rajyakshama (T, B,), influenza (a type of cold infectious fever), bladder diseases, typhoid, heart disease, cancer, stomach diseases etc.

This is a special medicine for infectious diseases.

Identification of the best quality of cinnamon:

Identification of the best quality of cinnamon:

Cinnamon, which is thin, soft, shiny, fragrant and chewy, produces sparkle and sweetness, is excellent.

Cinnamon intake:

Cinnamon is hot. Therefore, it should be increased gradually by taking a small amount. But if there is any kind of side effect or loss, then stop the intake within a few days and start taking small amounts again.

The amount of cinnamon powder used is 1 to 5 grams. The powder should be filled from the edge of the spoon to the bottom. Similarly, they give small amounts to children. Use 1 to 4 drops of cinnamon oil. Cinnamon oil is pungent and fiery. So do not apply it near the eyes.

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Benefits of Cinnamon: Some Uses: Dalchini Benefits in Hindi

1. Stammer Licking: (Stammer) - Chewing cinnamon (Cinnamon) daily in the morning and evening removes stuttering.

2. Virulence: Ejaculatory - Grind cinnamon very finely. Throw it with milk at the time of sleeping 4-4 ​​grams in the morning and evening. This makes the milk digested and the semen grow.

3.Pet Gas: - Acidity

Cinnamon destroys the stomach gas and increases digestion power.

Make a fine powder by grinding 2 pinch cinnamon and take it with water, it eliminates stomach gas.

Drinking 1 teaspoon of sugar (sugar) in cinnamon oil provides relief in stomach gas. Keep in mind that overdose is harmful.

4. Vomiting of the stomach: - Vomiting bile

Grind cinnamon and mix it with honey and give it to the patient to stop vomiting of bile.

5. Constipation: - Constipation

Taking a small amount of cinnamon, dry ginger, cumin and cardamom together is beneficial in constipation and indigestion (loss of appetite).

6. Influenza: - Influenza

Boil 5 grams cinnamon, 2 cloves and 1/4 teaspoon dry ginger in 1 liter of water. Filtering 3 parts of this water after filtering on remaining quarter water provides relief in influenza by giving the patient 3 times a day.

Enlargement of throat cork: - Grind cinnamon finely and apply it on the cork in the morning with thumb and tell the patient to drip saliva. With this use, throat enlargement will disappear.

7. Indigestion - Indigestion

 Taking 2 grams bark powder of cinnamon with water twice a day cures indigestion.

Loss of appetite: - Chewing 2 parts of cinnamon and parsley in equal quantity and chewing it before 3 meals makes one feel hungry.

8. cough - cough

Chewing cinnamon gives relief in dry cough and if the throat has sat down, the voice becomes clear.

Boiling one-fourth teaspoon cinnamon powder in 1 cup of water and drinking it thrice a day cures cough and stops the formation of mucus.

Grind 20 grams cinnamon, 320 grams sugar candy, 80 grams peepal, 40 grams of small cardamom, 160 grams of vanashochal and mix it well and sieve it with fine flour sieve. After this, mix one teaspoon of honey in half a teaspoon mixture and lick it in the morning and evening. Keep this mixture at home. Whenever someone has a cough, giving it benefits.

Take 50 grams cinnamon powder, 25 grams ground liquorice, 50 grams dry grapes, 15 grams almond kernels, 50 grams sugar and grind them finely and mix water to make tablets of the size of peas. Whenever cough, 1 tablet is sucked or every 3 hours one tablet is sucked. It will not cause cough and will have mild taste of mouth.

Eating the powder of kamfal with cinnamon cures chronic cough and black phlegm of children.

9. Asthma: - Asthma

 Grind a little piece of cinnamon, quarter fig or basil leaves, equal to jaggery, a large cardamom, black vinegar 4 (black raisins), a little sugar candy and grind it and consume it in asthma. it happens.

Method: Boil all things in a cup of water. When half the water is left, then filter it and drink it daily in the morning and evening. Do not eat anything, do not drink water even after half an hour of drinking. Asthma attack ends by taking it.

Arthritis

(Joint pain / swelling): - Joint pain / swelling

Mix 1 part honey, 2 parts lukewarm water and 1 teaspoon cinnamon powder. Gently massage the joint that is hurting. The pain will disappear within a few minutes

Add 1 glass of milk to 1 glass of water, add 1 teaspoon ground cinnamon, 4 small cardamoms, 1-1 teaspoon dry ginger and myrobalan and small pieces of 3 cloves of garlic and boil when the milk is half remaining, it should be drunk hot . Garlic should also be swallowed with milk. It provides relief in rheumatism and arthritis.

10. Hair Loss: - Heat olive oil by mixing 1 teaspoon honey and 1 teaspoon cinnamon powder, make a paste and apply it on the hair roots and skin in the head for 15 minutes before bathing. People who have scalp hair and who have become bald benefit.

11.Boofing of hair: -

The hair has a shiny and safe layer called cuticle. When this layer breaks, the hair ends also break. Sometimes due to excessive dry and weak hair, the hair starts to split. Wet hair comb also damages the protective layer of hair and also causes the hair to split. In the same way, due to brisk combing and staying in the sun too late, hair also becomes weak.

The best treatment for split hair is to cut them. Regularly cutting and shaving hair can prevent them from becoming split ends. Use cinnamon for hair protection. This will keep hair strong and safe.

12. Bladder infection: - 2 teaspoon cinnamon powder and 1 teaspoon honey should be dissolved in 1 glass of warm water. Bladder diseases are destroyed by this.

13. Dental pain: - Toothache

One teaspoon of cinnamon powder is mixed with 5 teaspoons of honey. It should be applied on the teeth 3 times a day. This helps to cure toothache. It should be applied until the pain is completely cured.

Applying cinnamon oil on a sore tooth cures toothache. Taking one fourth teaspoon of cinnamon powder with warm water thrice a day is beneficial. You can also mix it with one spoon of honey.

14. Common cold: - common cold

Grind 1 gram of cinnamon, 3 grams of liquorice and 7 small cardamom and mix it in 400 ml water and keep it on fire. When the water is half left after cooking, add 20 grams of sugar candy to it, drinking it cures cold.

Mixing one-fourth teaspoon of cinnamon powder in one tablespoon of honey, eating once daily, cures fast and chronic cold, chronic cough and sinus. It should be taken at least 3 times a day and keep taking till the disease is cured. In the beginning of the disease, it should be taken 2 times daily.

Taking 1 to 3 drops of cinnamon oil with sugar candy 2-3 times daily brings relief in colds. Smelling a few drops of this oil in a handkerchief is also beneficial.

15. Shoulder pain: Shoulder pain

Sometimes there is a pain in the shoulder. Shoulder pain is cured by using cinnamon.

Mixing equal quantity of honey and cinnamon powder and taking 1 teaspoon daily in the morning increases the power to fight microbes and viral infections in the body, increasing the body's resistance power. Massage this mixture on the shoulder and apply it on the end.

16. Anesthesia, Infertility: - Infertility, infertility

If a man who is unable to have a child, takes 2 tablespoons of cinnamon at bedtime daily, then the semen gets enlarged and his problem goes away.

For a woman who is not pregnant, add a pinch of cinnamon powder to one spoon of honey and apply it to her gums several times a day. Do not spit. By this, it will be mixed with saliva and go into the body. Due to this, women become pregnant within a few days.

17. Abortion: - Miscarriage

 A weak uterus causes repeated miscarriages. A few months before conception, mixing equal amounts of cinnamon and honey and consuming 1 teaspoon daily will make the uterus powerful.

18. Bad smell from the mouth: - Bad smell

 Chewing a piece of cinnamon removes the smell of the mouth and makes the teeth strong.

19. Smoking: - smoking

 Mix 1 teaspoon cinnamon powder in 1 teaspoon honey and keep it in a small mouth vial. Whenever you want to eat bidi, cigarette, yolk, then dip your finger and suck it. This will give up smoking. Smoking can also be given up in the mind.

20. Cholesterol: - Cholesterol

 Drink dissolved 2 tablespoons honey, 3 teaspoons cinnamon powder and boiled water of 400 ml tea. Only after 2 hours of drinking it will reduce 10 percent cholesterol in the blood. If you drink continuously for 3 days, then any chronic cholesterol patient will be cured.

21.HartAttack: -

Mix equal quantity of honey and cinnamon and apply one teaspoon in breakfast or bread and roti and eat it daily. This reduces the cholesterol in the arteries. Once a heart attack has occurred, they do not have a heart attack again.

22. Long Age:

Boil one spoonful of cinnamon powder in 3 cups of water. After boiling, when it is slightly warm, add 4 teaspoons of honey to it. Drink it 4 times a day. This will keep the skin soft and fresh and old age will also be away.

Senior citizens who consume equal amounts of cinnamon and honey have a more agile and flexible body.

23. To reduce fat: - Weight Loose

Boil half a teaspoon of cinnamon powder in 1 cup of water. Add 1 teaspoon of honey to it and drink it before breakfast in the morning and before bed at night, it will reduce weight and will not increase obesity.

24. Cleanliness: -

Mixing equal quantity of honey and cinnamon powder, taking 1-1 teaspoon in the morning and night brings back hearing power, that is, deafness is removed..

In the case of hearing loss (deafness), putting cinnamon oil in the ear provides relief.

25. Acne: - Acne

Put 1 teaspoon of cinnamon powder and a few drops of lemon juice in 3 teaspoons honey and apply it on the face. Then wash after 1 hour. This will cure facial pimples.

Put a few drops of lemon juice in a quarter teaspoon of cinnamon and apply it on the face after making a paste. Wash it after one hour. Acne will be cured by this.

26. Stains on the mouth: -

 PimplesMixing a pinch of cinnamon in the cream of milk and rubbing it on the face removes facial spots.

27. Skin infection: - skin infection

 To cure ringworm, ringworm and all skin infections diseases, equal quantity of honey and cinnamon should be applied daily.

28. Diabetes diseases: - Consuming cinnamon daily helps to prevent fatigue, reduced eyesight, heart, kidney failure etc. The intake

Method: - Boil cinnamon powder in 1 cup of water, filter and drink it daily in the morning. It can also be mixed with coffee, food and drink. Check the benefit of diabetes by checking it every tenth day after taking it. Caution: - Take a small quantity of cinnamon, it can cause harm.

29. Hiccup: - hiccup

Drinking 3 drops of cinnamon oil in half a cup of water stops drinking hiccups.

Chewing cinnamon prevents hiccups from sucking.

30. Worms of stomach: - One-fourth teaspoon cinnamon powder mixed with 1 teaspoon honey should be taken once daily. Worms of the stomach are destroyed by this.

31. Piles: - Piles

One-fourth teaspoon cinnamon powder mixed with 1 teaspoon honey should be taken once daily. This disease cures piles.

Boil half a teaspoon cinnamon powder in 1 cup of water and drink it twice a day after half an hour of eating, cures hemorrhoids.

32. Blisters: - Grind cinnamon in water and apply it on boiling boils, the boil settles and the boil does not cook.

33. Skin inflammation: - Skin inflammation

Grind cinnamon in water and apply it on the skin where there is disease, skin diseases are cured and by applying it on the inflamed area, the swelling disappears.

34. Tonsil: -

Mixing a pinch of cinnamon in 1 teaspoon of honey and sucking it 3 times a day cures tonsils.

Grind cinnamon and mix it with honey and apply on the tonsil with finger.

35. Typhoid: -

Any type of medicine that is being treated with typhoid, giving 3 drops cinnamon oil in half a cup of water with it once a day, giving it to the patient is beneficial.

36. Mnemonic: - Mnemonic

Taking half a teaspoon of cinnamon powder with water in the morning and evening ends weakness of mind and development of intelligence.

37. Obstruction in urination: - Obstruction in urination

Taking cinnamon makes more urine and removes obstruction of urine. This brings urine openly and without pain. Pus in the urine stops. For this, take half a teaspoon of cinnamon powder thrice daily.

38. Tuberculosis (TB): - Putting 4 drops of cinnamon oil on 2 teaspoons of sugar candy and eating it thrice daily is beneficial in TB disease. If there is bleeding (bleeding) from the lungs in TB. Taking half a teaspoon of cinnamon powder with water twice a day is beneficial.

39. Blood disorders: - blood disorder

Cinnamon cleans blood. It increases the number of white blood cells. For this, one-fourth teaspoon of cinnamon is mixed with one teaspoon of honey and taken daily.


40. Giver of heat: - If a person has become unconscious, his body has become cold, has become weak, then mixing half a teaspoon of cinnamon oil with 3 teaspoons of sesame oil and massaging, brings warmth and consciousness in the body.


41.Confirmation of the category: - Semen confirmation

Cinnamon is hot and dry. Grind cinnamon of about one gram of cinnamon and fourth part of catechu white catechu and take it with water thrice a day, it cures stomach diarrhea and torsion. Semen is confirmed by using 1-1 gram ground cinnamon with hot milk twice a day for 15-20 days.

42. Incendiary: - Incendiary

Taking 2 to 4 grams of cinnamon powder with water 2 times a day ends indigestion (loss of appetite).

Putting 5 to 6 drops of pure cinnamon oil in 2 to 3 grams of finely ground native sugar and taking it for 1 week at night before going to sleep in the morning and evening is beneficial in agnandya (digestion of food).

43. Some other simple experiments: - Some other simple experiments

Cinnamon, black pepper and ginger decoction remove colds.

Eating cinnamon cures indigestion (loss of appetite), vomiting, saliva, stomachache, and soreness (gas in stomach). It cleanses the menstrual period (menstruation) and shrinks the uterus.

Make a powder by mixing 1 gram cinnamon and 5 grams small myrabalan. Mixing this powder in 100 ml warm water and drinking it at night causes diarrhea in the morning and eliminates constipation of the stomach.


Eating fourth part of about 1 gram powder mixed with cinnamon and white catechu powder in honey stops frequent thin diarrhea due to indigestion (digestion of food).


Dysentery is stopped by taking about 1.20 grams cinnamon powder with fresh water.


Taking 2 to 3 drops of cinnamon oil mixed with 1 cup of water is beneficial in influenza, fever (fever), duodenum (diarrhea), enteritis (intestinal pain), hiccups and vomiting.


Soaking a cotton swab in cinnamon oil or juice and keeping it on the sore molar or tooth is beneficial.

Mixing cinnamon, catechu, nutmeg, and alum and keeping it in the vagina ends leucorrhoea and removes vaginal shrinkage.

44. Frequent urination: - Frequent urination

Grinding cinnamon and taking it with water at bedtime reduces the frequent urination.

Mixing 10 grams of sugar in 10 grams ground cinnamon and taking about 2 grams of it with water at night at bedtime helps in getting rid of frequent urination.

45. Teeth worms: - Teeth worms

Soak cotton in cinnamon oil and place it in the tooth pits. This causes tooth worms and pain to be destroyed.

46. ​​Afara (gas formation): - Giving 1 to 3 drops of cinnamon oil with sugar candy to the patient in the morning and evening provides relief in stomach gas (gas).

47. On coming of stomach: - Putting 1 to 3 drops of cinnamon oil on betashe or sugar and taking it in the morning and evening stops belching and gas in the stomach.

48. Numbness of tongue and skin: - Numbness of tongue and skin

Paralysis of the tongue, when the tongue becomes numb, mix cinnamon oil with sugar candy and consume 1 to 3 drops twice a day and keep cinnamon powder in the mouth and suck it evenly.

49. To cure the taste of tongue: - Tongue Taste

When bitterness appears on the tongue (mouth), mix honey in this powder by grinding and filtering cinnamon or bacha. By rubbing the tongue daily, bitterness of the tongue is removed.

50. Pathogenic disease: - Travel sickness

 Putting 1 to 3 drops of cinnamon oil on Betasse and keeping it in the mouth does not cause nausea during the journey.

51. Vomiting (vomiting): -

Grind cinnamon and mix some honey in it and lick it to stop vomiting.

If vomiting occurs due to heat, grinding cinnamon and licking it in honey is beneficial.


Taking 1 to 2 grams of cinnamon powder in 3 equal portions with honey 3 times a day stops vomiting.

After putting 5 drops of cinnamon oil in the powder or sugarcane of Tal Mishri, eating it ends stomachache and vomiting.

52. Cancer disease: -

Lentil sugar is given more in cancer. Give 3 drops of cinnamon oil 3 times daily. Also instruct to keep chewing cinnamon. If the wound is out, apply oil If possible, keep applying cinnamon oil. It is also antibacterial, ulcerative, ulcerative and germicide.

Drinking 350 grams of cinnamon decoction daily provides relief in cancer.

Mixing 1 teaspoon cinnamon powder in 2 teaspoons honey and licking it 3 times a day eliminates all types of cancer.

53. Impotence: - Impotence

Grind 75 grams of cinnamon and sieve. Grind this 5 grams powder in water and leave betel nut (front part of the penis) on the penis while sleeping and take 2-2 grams of milk in the morning and evening. This will get rid of impotence disease in no time.

54. Diarrhea: - Diarrhea

Grind 10 grams cinnamon, 10 grams catechu and 5 grams of inflated alum and drink about 2 grams with water 2-3 times a day, it provides relief in diarrhea.

Make a fine powder of 2 grams cinnamon and use it with fresh water, the patient gets relief immediately due to diarrhea.

Diarrhea is stopped by taking cinnamon decoction every morning and evening.

Taking 2 grams of cinnamon and 5 grams of fennel is beneficial in diarrhea.

Grind cinnamon, nutmeg and khairsar and keep small tablets, then using this tablet, the weakness in the body ends due to diarrhea.

Taking 2 grams of finely ground cinnamon with water stops diarrhea, or by grinding equal quantity of cinnamon and catechu, taking half spoon 3 times daily also stops diarrhea.

Mixing cinnamon, cinnamon, gum and opium and making small tablets and using it as a dose provides relief in diarrhea.

55. Pregnant woman vomiting: - Pregnant woman vomiting

Taking 1 to 3 drops of cinnamon oil with sugar candy twice a day stops vomiting.

56. Amatisar: - bische

Make a decoction of cinnamon and take it 2 to 3 times a day, it cures the disease of amoebiasis.

57. Collection (dysentery): -

Taking cinnamon decoction thrice a day cures the disease of sprue diarrhea.

Physical and mental disorders after menstruation: - To avoid physical and mental problems after menstruation, taking 1 to 3 drops of cinnamon oil on the pot and taking it twice a day is beneficial. .

58. Kidney diseases: - Kidney disease

Taking cinnamon powder and taking 1 gram of water with water cures kidney pain.

59. Kidney inflammation: - Kidney inflammation

 Swelling of the kidneys disappears by eating cinnamon.

60. Aids: 

- Cinnamon is very beneficial for AIDS because it increases the white particle of blood, whereas the reduction of white particle in AIDS invites many diseases. Also, it has the properties of cleaning stomach worms, healing and healing wounds. Drink about 1 gram of cinnamon powder or 1 to 3 drops of oil 3 times a day.

61. Najala: -

Put 7 black peppers and 7 betas in 250 grams of water and keep them for cooking. After cooking, keep this water in a vial after remaining one fourth. Drinking this water on an empty stomach for 2 days in the morning and at bedtime at night cures the nose.


With this, cold, cough and mild fever or body pain also disappear. Drinking this also brings a lot of sweat and with sweating, the heaviness of the body ends and the body becomes lighter.

62. Blood pressure: - Taking 1 to 3 drops of cinnamon oil with each quantity of Ashokarishta 2 times daily in blood pressure reduces uterine dysfunction and also improves blood pressure. Chewing cinnamon should also be given.

63. Blood bile: - Blood bile

Daily use of cinnamon decoction in the blood flowing from the mouth or lungs is beneficial.

64. Sleepiness: - Insomnia

Boil 3 grams of cinnamon in about 125 ml of water. Then filter it and put 3 batches in it and heat it lightly and drink it in the morning, it helps to sleep well.

In the disease of 65: -

Grind 20 grams cinnamon and mix 20 grams sugar in it and take 2-2 grams milk with milk twice a day, it cures diseases of semen.


Grind 5-5 grams of cinnamon and black sesame mixed with honey and make tablets equal to gram, dry it in the shade and take one tablet with warm milk 2 hours before sexual intercourse.


Eating 3 grams of cinnamon powder with warm milk at bedtime increases semen.


Mixing cinnamon oil with 3 times olive oil and applying it on the penis brings back manhood. Keep in mind that there should be no cold water on it.


Taking cinnamon powder after taking 1 teaspoon of food with milk twice daily is beneficial in semen disease.

66. Easy delivery: Boil 1-1 teaspoon cinnamon and fennel in 200 ml water when it remains one fourth, then after cooling it, drinking it makes delivery easier.

67. Vaginal pain: - Vaginal pain

Vaginal pain is eliminated by taking 1 to 3 drops of cinnamon oil on betas and taking it daily in the morning and evening.

68. Pain in stomach: -

Taking 1 to 3 drops of cinnamon oil with sugar candy provides relief in stomachache.


Make a fine powder by grinding cinnamon, add a little asafetida to it, add 250 grams of water to it and boil it, then cool it after giving it to the patient 3 to 4 times a day, it provides relief in stomachache.


Add a little asafetida and black salt to 2 grams of cinnamon and saveBy not doing so, the stomach pain ends.


Boil a small quantity of cinnamon and asafoetida in about 1 glass of water. Drinking 4-4 ​​teaspoons of this solution twice a day relieves stomach pain.


Taking a decoction of cinnamon and wormwood leaves reduces stomach diseases.

Consuming small amounts of cinnamon is beneficial. Keep in mind that its excessive use can be harmful.

If 1 teaspoon is consumed daily by mixing equal amounts of honey and cinnamon, then stomach pain, gas, stomach sores, are completely cured.

69. Bahumutra disease: - Grind 10 grams of cinnamon and mix 10 grams of sugar in it and take 2 grams of it with water at bedtime. It is beneficial in the disease of polyuria (frequent urination).

70. Cholera: - Finely grind equal quantity of lemon juice in equal quantity of cinnamon, bayonet, rasna, agar, sajna, bitter gourd, bacha and asparagus and apply it on the stomach of a cholera patient.

Spasms of the hands and feet: - The patient of spasm of the hands and feet gets benefit by taking 1 to 2 drops of cinnamon oil daily.

71. Children: - If young children have diarrhea, mix one pinch of ground cinnamon in warm milk and give it to the patient.

72. Headache: -

Grind cinnamon and apply it on the head with water like a paste, it cures headaches caused by cold air or by walking in winter or due to cold.


In the headache caused due to pitta or heat, by grinding cinnamon, sugar candy and bay leaves in rice water, smelling the headache is relieved.


Mixing about 5 or 6 drops of cinnamon oil with 2-3 tablespoons of sesame oil and massaging it relieves the headache.


Rubbing cinnamon in water and applying it on the forehead ends headache and tension.

Grind cinnamon in water and heat it and apply it on forehead and forehead in case of headache due to cold.

73. Nasal pain: - Taking 1 to 3 drops of cinnamon oil mixed with sugar candy in the morning and evening and massaging it with oil in pulse pain ends all types of pain.

74. Weakness of memory: 

- Grind equal quantity of cinnamon and sugar candy and grind it to make a powder and filter it in a cloth, taking it with 3-4 grams of milk daily, strengthens memory and cures forgetfulness.

75. Kantrohini: 

- Indigestion and gargling of cinnamon decoction ends both throat irritation and infection.

76. Children's medicine:

 Grind cinnamon, cardamom, bay leaf and cobra saffron finely and filter it and mix it with cow dung juice and honey and lick it stops vomiting.

77. To make the body thick and powerful: 

- Make a powder by grinding cinnamon finely. In the evening, add about 2 grams of this powder to 250 ml milk and mix in 1 teaspoon of honey, drinking it increases the strength of the body as well as in human semen.




78. Dysentery: -

Take 2 grams ground cinnamon with cold water and stop diarrhea. Taking hot water is beneficial in dysentery.

Grind equal quantity of cinnamon and white catechu (using it in betel leaf) and take half spoon of it with cold water thrice daily to stop diarrhea caused by indigestion. It can also be mixed with honey.


Grind 2 grams cinnamon and 2 grams cloves and boil it in half glass of water. Drinking two-two sips of this water at an interval of every 1-1 hour provides relief in dysentery. With this use, the stool comes tied again and again and does not have to go to the toilet. It is beneficial in both dysentery and diarrhea.


79. Bad Breath: -

 Vaporized, sulfur compounds are responsible for bad breath, such as hydrogen sulfide, methyl, mercaptan etc. The source of these compounds contains bacteria that can survive without oxygen. These bacteria live between the cells of the inner wall of the mouth, the joint of tongue, gums and teeth. Gargling mixed with 1 teaspoon of honey, half a teaspoon of cinnamon powder in 2 cups of water in the morning will not cause bad breath and freshness throughout the day.

Damage of cinnamon: Dalchini Side Effects

Cinnamon is hot. Therefore, it should be increased gradually by taking a small amount. But if there is any kind of side effect or loss, then stop the intake within a few days and start taking small amounts again.



(Use remedies and remedies according to medical advice)

HEALTH BENEFITS AND USES OF TEA TREE OIL IN HINDI , टी ट्री ऑयल क्या होता है? - What is Tea Tree Oil in Hindi?


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टी ट्री ऑयल क्या होता है? - What is Tea Tree Oil in Hindi?

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टी ट्री का वैज्ञानिक नाम मेलेल्यूका ऑल्टरनिफोलिया है। टी ट्री एक छोटा पेड़ है, जो सिर्फ सात मीटर ऊंचा और झाड़ी की तरह दिखता है। इसके पेड़ की छाल सफेद और कागज की तरह बहुत पतली होती है। इसके पत्ते कोमल और चिकने होते हैं, जिसकी चौड़ाई 1 मिलीमीटर और लंबाई 10- 35 मिलीमीटर होती है। टी ट्री ऑयल बनाने की विधि (tea tree oil kaise banta hai) यह है कि इन पत्तों से ही तेल निकाला जाता है, जिसे हम टी ट्री ऑयल के नाम से जानते और प्रयोग में लाते हैं (tea tree oil in hindi)। इस पेड़ पर गरमी के मौसम में छोटे सफेद रंग के फूल भी खिलते हैं। कुछ लोग इस पेड़ को चाय का पौधा भी कहते हैं, जो आम चाय से बिल्कुल अलग है। इसके तेल का इस्तेमाल (tea tree oil uses in hindi) सालों से इलाज के लिए किया जाता रहा है। इस तेल में टेरपिनेन 4 ओएल होता है, जो आपकी सफेद रक्त कोशिकाओं की गतिविधि में वृद्धि करता है। यह बैक्टीरिया, वायरस और अन्य हानिकारक प्रभावों से लड़ने में मदद करता है। टी ट्री ऑयल प्राकृतिक तौर पर एंटी सेप्टिक, एंटी वायरल, एंटी माइक्रोबायल, एंटी इंफ्लेमेटरी, बैल्सेमिक और एंटी फंगल है। 


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HEALTH BENEFITS AND USES OF TEA TREE OIL IN ENGLISH , 

  • Promotes Glowing Skin. “Tea tree oil is not harsh and doesn't cause excessive dryness, peeling of the skin or any redness. ...
  • Prevents Acne. ...
  • Treats Cuts, Infections and Scars. ...
  • Fights Skin Cancer. ...
  • Treats Psoriasis and Eczema. ...
  • Reduces Hair Fall. ...
  • Cleanses Hair. ...
  • Gets Rid of Dandruff.

HEALTH BENEFITS AND USES OF TEA TREE OIL IN HINDI , 

ग्लोइंग स्किन को बढ़ावा देता है। “चाय के पेड़ का तेल कठोर नहीं होता है और त्वचा के छीलने या किसी लालिमा के कारण अत्यधिक सूखापन नहीं होता है। ...
मुँहासे से बचाता है। ...
कट्स, संक्रमण और निशान का इलाज करता है। ...
त्वचा कैंसर से लड़ता है। ...
सोरायसिस और एक्जिमा का इलाज करता है। ...
बालों का झड़ना कम करता है। ...
बाल साफ करता है। ...
रूसी से छुटकारा मिलता है।

खरोंच और घावों में लाभदायक

इस तेल का इस्तेमाल मामूली खरोंच और घावों में किया जा सकता है। इसमें एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं जो किसी भी संक्रमण को जख्मों के माध्यम से शरीर में प्रवेश करने नहीं देते हैं।


मच्छरों को भगाने में भी कारगर

टी ट्री ऑयल मच्छरों को भगाने में भी कारगर साबित होता है। खासकर बरसात के दिनों में जब डेंगू का प्रकोप बहुत बढ़ जाता है। तब आप टी ट्री ऑयल का उपयोग मच्छरों को भगाने में कर सकते हैं। साथ ही इस ऑयल का इस्तेमाल परफ्यूम के रूप में भी कर सकते हैं।


अरोमाथैरेपी में किया जाता है प्रयोग

टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल अरोमाथैरेपी में भी किया जाता है। यह तेल चिंता, तनाव और अवसाद को कम कर सकता है। हालांकि, इस तेल के अधिक सुगंध से सिरदर्द का खतरा रहता है।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

स्किन के लिए टी ट्री ऑयल के फायदे - Tea Tree Oil Benefits for Skin in Hindi


मौसम के बदलते मिजाज का असर हमारी त्वचा पर भी पड़ता है। हमारी त्वचा पर न केवल रैशेज पड़ जाते हैं बल्कि त्वचा रुखी, बेजान हो जाने के साथ ही एक्ने और इंफेक्शन का भी शिकार हो जाती है। इन सारी समस्याओं का इलाज केवल एक ही है, उसका नाम है टी ट्री ऑयल।

रुखी त्वचा के लिए - For Dry Skin

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रुखी त्वचा को ठीक करने के लिए 5 चम्मच टी ट्री ऑयल में एक चम्मच बादाम का तेल मिलाकर त्वचा पर हल्के से मालिश करें। कुछ देर के लिए छोड़ दें और सामान्य पानी से स्नान करें। इसका नियमित प्रयोग आपकी त्वचा को लंबे समय तक हाइड्रेटेड रखेगा। आपकी त्वचा मुलायम, नरम और चमकदार बनी रहेगी। टी ट्री आयल का एक अन्य इस्तेमाल यह भी है - टी ट्री आयल फोर स्किन व्हाइटनिंग।

एक्ने- पिंपल्स हो जाएं ठीक - Removes Acne Pimples
आपने कई एंटी एक्ने स्किन क्रीम और फेस वॉश को बाजार में देखा होगा, जिसमें टी ट्री ऑयल के सत्व होते हैं। अध्ययन भी बताते हैं कि एक्ने को कम करने के लिए टी ट्री ऑयल बेनजॉली पेरोक्साइड जितना लाभकारी है। एक्ने को ठीक करने के लिए यह प्राकृतिक तौर पर काम करता है, जिससे त्वचा न तो छिलती है और न ही त्वचा लाल होती है। यह त्वचा से निकलने वाले सीबम को भी कम करता है और त्वचा पर एक्ने का निर्माण करने वाले बैक्टीरिया से लड़ता भी है। एक्ने के इलाज के लिए 2-3 बूंदें टी ट्री ऑयल की लीजिए, इसमें एक चम्मच शहद और एक चम्मच दही मिला लीजिए। अपनी उंगलियों के पोर से इस मिश्रण को एक्ने पर लगाइए। मोटी परत न लगाकर पतली परत लगाएं। 15- 20 मिनट के बाद चेहरे को धो लें। इस मिश्रण को कछ सप्ताह तक लगाते रहें, एक्ने छूमंतर हो जाएगा।


यदि आपकी त्वचा पर ब्लेमिशेज, गहरे दाग, मुंहासों के दाग हैं तो इलाज के लिए टी ट्री ऑयल से बेहतरीन कुछ और नहीं है। रुई पर कुछ बूंदें इस तेल की डालिए और त्वचा के प्रभावित क्षेत्र पर लगा लीजिए। आप चाहें तो टी ट्री ऑयल युक्त फेस वॉश और जेल का भी प्रयोग त्वचा पर कर सकती हैं। कठोर रसायनों और अल्कोहल से कहीं बेहतर है यह!

डियोडरेंट का करे काम - Works as a Deodrant
कई लोग शरीर की बदबू से परेशान रहते हैं। वे कई तरह के डियोडरेंट का प्रयोग भी करते हैं लेकिन शरीर या पसीने की दुर्गंध जाती नहीं है। समझें तो पसीना स्वयं बदबू उत्पन्न नहीं करता है लेकिन जब पसीना के साथ आपकी स्किन पर मौजूद बैक्टीरिया मिलते हैं तो तेल गंध आने लगती है। तो ऐसे में टी ट्री आयल बेनिफिट्स (tea tree oil benefits in hindi) आपके काम आएँगे। चूंकि टी ट्री ऑयल एंटी बैक्टीरियल है तो यह पसीने या शरीर की गंध से भी लड़ता है।

घाव भरने के लिए - For Wounds
यदि आपकी त्वचा पर कहीं कट गया है या घाव सा बन गया है तो भी टी ट्री ऑयल का प्रयोग लाभकारी रहेगा। कई बार शेविंग के बाद रेजर से त्वचा कट जाती है। यहां भी इसका इस्तेमाल फायदेमंद है। रुई पर कुछ बूंदें इस तेल की लगाकर सीधे कटी हुई त्वचा या घाव पर लगाइए। इससे त्वचा को सूदिंग अहसास होगा और राहत महूसस होगी।

फोड़ा, मस्सा और रिंगवर्म - Boils Wart and Ringworms
फोड़ा को ठीक करने के लिए भी टी ट्री ऑयल लाभकारी है। मस्से को हटाने के लिए शुद्ध टी ट्री ऑयल का प्रयोग कीजिए। इसे दिन में दो बार लगाइए। लेकिन ध्यान रखिए कि आपकी त्वचा संवेदनशील न हो, अन्यथा इस्तेमाल से पहले इसे हल्का कर लें। मस्से खुद ही खत्म हो जाएंगे। रुखे और फटे होंठों को भी ठीक करता है। आपकी त्वचा को कई तरह से स्वस्थ और सुरक्षित रखने में मददगार है यह तेल।

कीड़ों के काटने, रैशेज से बचाव - Protection from Worms and Rashes

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यदि रैशेज से आपको खुजली हो रही है तो इस तेल के प्रयोग में इसका इलाज है। कीड़ों के काटने से होने वाले खुजली या जलन में भी यह फायदेमंद है। अपने नहाने के पानी में कुछ बूंदें टी ट्री ऑयल की मिलाकर नहाएं। इस तरह से आपको बैक्टीरिया या फंगस से होने वाली त्वचा संबंधी एलर्जी से बचाव होगा। त्वचा की खुजली और लालिमा में भी यह फायदेमंद है।

हेल्दी नाखून के लिए - For Healthy Nails
नाखूनों में कई बार फंगल इंफेक्शन हो जाता है। इसे दूर करने के लिए हालांकि कई तरह की दवाइयां उपलब्ध हैं लेकिन इन दवाइयों के कई बार साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। नाखूनों में हुए इंफेक्शन के लिए आप टी ट्री ऑयल का प्रयोग कर सकती हैं। धीरे- धीरे फंगल इंफेक्शन स्वयं ठीक हो जाएगा। चाहें तो सिर्फ टी ट्री ऑयल का प्रयोग करें या फिर नारियल तेल के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर भी लगा सकती हैं।

एग्जिमा का खात्मा - Erosion of Eczema
हाथ पर होने वाला एग्जिमा जिंदगी जीने और खूबसूरती में बाधा उत्पन्न करता है। हाथ पर होने की वजह से यह जरा भी अच्छा नहीं दिखता। लेकिन जादुई टी ट्री ऑयल  के जरिए एग्जिमा का इलाज भी संभव है। इसके लिए टी ट्री ऑयल में नारियल तेल और लैवेंडर ऑयल को बराबर मात्रा में मिलाएं। नहाने जाने से पहले इस मिश्रण को प्रभावित हिस्से पर लगाएं। धीरे- धीरे यह एग्जिमा को दूर कर देगा।

माउथवॉश के लिए - For Mouthwash
टी ट्री ऑयल में मौजूद एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण दांतों को खराब होने और मुंह की बदबू से भी लड़ता है। अपने मुंह को हेल्दी बनाए रखने और बदबू को दूर रखने के लिए एक कप गरम पानी में दो- तीन बूंद टी ट्री ऑयल की मिलाएं और इस पानी से कुल्ला कर लें। ध्यान यह रखना है कि आपको इस पानी को निगलना नहीं है।

टी ट्री ऑयल बालों के लिए - Tea Tree Oil Benefits for Hair in हिंदी

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बाल पर भी बदलते मौसम का असर पड़ता है और बाल रुखे एवं बेजान हो जाते हैं। बाल से चमक गायब हो जाती है, साथ ही रुसी और जुएं यहां अपना घर बना लेती हैं। टी ट्री ऑयल हमारे बाल पर चमत्कारी तौर पर असर करता है और इन्हें चमकदार बनाने के साथ ही पोषित भी करता है।

लंबे बाल का राज - Long Hair Secrets
शोध बताते हैं कि बालों को लंबा करना है तो टी ट्री ऑयल लगाइए। यह बालों के  फॉलिकल्स को खोलता है और जड़ों को पोषण प्रदान करता है। इस तेल की कुछ बंदों को किसी भी तेल के साथ मिलाकर सिर पर मालिश करें। आपको ताजगी का अनुभव होगा।

डैंड्रफ से रक्षा - Protects from Dandruff
डैंड्रफ किसे अच्छे लगते हैं? लेकिन कई बार न चाहते हुए भी हैंड्रफ बाल में अपनी जगह बना ही लेते हैं। नहाते समय अपने शैम्पू में टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें मिलाइए और फिर शैम्पू करें। इस शैम्पू मिश्रण का प्रयोग नियमित तौर पर करें और देखें कि किस तरह आपको रुसी से निजात मिल गई है।

बाल की रुखी जड़ों के लिए रामबाण - Best for Dry Roots
यह आपके बालों में जान डालने के साथ ही जड़ों को भी पोषण प्रदान करता है। यह सिर के रोमछिद्रों को खोलता है। इसे जोजोबा ऑयल के सात मिलाकर 10- 15 मिनट तक सिर की मालिश करें। कुछ देर के लिए छोड़ दें और फिर धो लें।


हेल्थ के लिए टी ट्री ऑयल - Health Benefits of Tea Tree Oil in हिंदी

खूबसूरती निखारने के साथ ही आपको सेहतमंद रखने में टी ट्री ऑयल बड़ी भूमिका निभाता है।

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ब्लैडर इंफेक्शन करे ठीक - For Bladder Infection
टी ट्री ऑयल अपने एंटी बैक्टीरियल गुण की वजह से इतना बढ़िया है कि ब्लैडर इंफेक्शन को ठीक करने में आपकी सहायता करता है। नहाते समय पानी में दस बूंदें टी ट्री ऑयल की मिला लें और इससे अपने यूरिन के रास्ते को साफ कर सकती हैं।

एथलीट फुट का करे उपचार - Athlete Foot Treatment
एथलीट फुट इंफेक्शन पैर में होता है, जिसे कंट्रोल करना थोड़ा मुश्किल है। कई बार यह पैर के बाद हाथ में भी हो जाता है। लेकिन आप इसे ठीक करने के लिए टी ट्री ऑयल का प्रयोग बतौर एंटी वायरल और एंटी फंगल घरेलू नुस्खे के तौर पर भी कर सकती हैं। इसमें एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो कई स्किन डिसऑर्डर में लाभकारी हैं। चाहें तो टी ट्री ऑयल की पत्तियों को पानी में उबाल कर या इसके एसेंशियल ऑयल को पानी में मिलाने के बाद लगाएं, लाभ तुरंत महसूस होगा। या फिर एक चौथाई अखरोड पाउडर, एक चौथाई कप बेकिंग सोडा और बीस- पच्चीस बूंदें टी ट्री ऑयल की मिलाएं और इसे एथलीट फुट पर दिन में दो बार लगा सकती हैं।

कान के इंफेक्शन में लाभकारी - Good for Ear Infection
कान में इंफेक्शन की वजह से दर्द भी कई बार हो जाता है। इसे ठीक करने के लिए टी ट्री ऑय, को उबालने के बाद इसमें ऑलिव ऑयल की कुछ बूंदें मिलाएं। अब इस मिश्रण को अपने कान में डालें और तेल कान से बाहर न निकले, इसके लिए रुई से रास्ता बंद कर दें। कान में दर्द को ठीक करने के लिए टी ट्री ऑयल में नारियल तेल को मिलाकर कान के बाहर लगा सकती हैं।

निमोनिया में प्रभावशाली - Effective in Pneumonia
कुछ अध्ययन बताते हैं कि टी ट्री ऑयल निमोनिया के लक्षणों को कम करने में मददगार है हालांकि इसके पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं। बेहतर तो यह होगा कि इसके लिए डॉक्टर से संपर्क किया जाए।

सेक्सुअल रोगों से बचाव - Protects from Sexually Transmitted Diseases
एंटीबायोटिक गुणों के कारण सेक्सुअल बीमारियों से लड़ने में मदद करता है टी ट्री ऑयल। शरीर के प्रभावित हिस्से में रुई की मदद से टी ट्री ऑयल को लगाएं। ऐसा दिन में दो बार करें। धीरे- धीरे यह ठीक हो जाएगा। सेक्सुअल इंफेक्शन रोग क्लैमिडिया के इलाज में भी टी ट्री ऑयल का प्रयोग किया जा सकता है।



वजाइनल बदबू करे दूर - Removes Vaginal Stink
कुछ लोगों के वजाइना से बदबू आती है। इस बदबू को दूर करने का बढ़िया रास्ता है वहां पर टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल। पानी में टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदों को मिलाकर वजाइना के बाहर रुई से लगाएं और थोड़ी देर बाद पानी से साफ कर लें। इसे दिन भर में दो- चार बार भी लगा सकती हैं।

टी ट्री ऑयल के साइड इफेक्ट्स - Side Effects of Tea Tree Oil in Hindi
टी ट्री ऑयल को जहरीला माना जाता है। इसलिए आम तौर पर देखा जाए तो टी ट्री ऑयल का सेवन नुकसानदेह है। कई बार टी ट्री ऑयल का अधिक प्रयोग करने से स्किन पर जलन और इंफ्लेमेशन होने की आशंका रहती है। एक्ने के लिए इसका प्रयोग स्किन में ड्राईनेस और खुजली लेकर आ सकता है। वजाइनल इंफेक्शन के दौरान टी ट्री ऑयल का प्रयोग केवल बाहरी हिस्से में ही करना सही रहता है क्योंकि यह जहरीला होता है।




डिस्क्लेमर: 

स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।



Health Benefits of Kulanjana Oil , Galangal Oil , कुलंजन तेल ( गलांगाल तेल ) के अनगिनत फायदे

 Galangal | Jnzl's Photos | Flickr



HEALTH BENEFITS OF GALANGAL OIL 


कुलंजन के तेल​ के फायदे :

  • यह थकान का इलाज करने में मदद करता है।
  • यह परिसंचरण को बढ़ाता है और संयुक्त और मांसपेशी कठोरता में सहायता करता है।
  • इसका उपयोग पाचन, भीड़, त्वचा की समस्याओं और कोलेरा के इलाज के रूप में किया जाता है।
  • यह तेल डिस्प्सीसिया, पेट फूलना, गति बीमारी, उल्टी, यात्रा बीमारी और पेटी के लिए एक इलाज है।
  • यह रूमेटोइड गठिया और गठिया के इलाज में मदद करता है।
  • यह शतरंज, ब्रोंकाइटिस, ठंड, अस्थमा और फ्लू जैसी श्वसन समस्याओं के इलाज के लिए उपयोगी है।
  • यह आंतों के वसा की पाचन में सहायता करता है।

1. 

मूत्राधिक्य ,Diuresis

2गले में ख़राश ,Sore throat

3.नपुंसकता , Impotence

4. सूजन ,Swelling 

5.दर्द, Pain

6.प्रत्यूर्जता , Allergy

7.फफुंदीय संक्रमण ,Fungal infections

8.मधुमेह , diabetes

9.जीवाणु संक्रमण , bacterial infection

10.व्रण , Ulcer

11.कैंसर, Cancer

12.जारणकारी तनाव. Oxidative stress

13.अपच, Indigestion

14.पेट फूलना, stomach enlargement

15.सिरदर्द , Headache

16. आमवाती दर्द ,Rheumatic pain

17. खट्टा डकार , Sour bel

18.सीने का दर्द , Chest pain

19.जिगर की जलन  , Liver irritation

20. गुर्दे के रोग ,Kidney disease

21.क्षय रोग संबंधी ग्रंथिया ,Tuberculosis glands

22. उदरशूल , Colic

23.दस्त ,Diarrhea

24 .उल्टी, Vomiting


कैसे आप सिर्फ एक किलो GALANGAL तेल से हर रोज कमा सकते है 117000 रूपये , खर्चा सिर्फ 890 रूपये

कुलंजन के स्वास्थ्य लाभ in details :

गलांगल के सबसे प्रभावशाली स्वास्थ्य लाभ एक एंटीकैंसर और विरोधी भड़काऊ एजेंट के रूप में कार्य करने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, शुक्राणु की गतिशीलता बढ़ाने और मस्तिष्क की रक्षा करने की क्षमता है। नीचे सूचीबद्ध गंगंगल के कुछ प्रसिद्ध स्वास्थ्य लाभ हैं

1. जीर्ण रोग

पुरानी बीमारी अक्सर पुरानी सूजन और मुक्त कणों के नकारात्मक प्रभावों का परिणाम है। इस मसाले में मौजूद आधा दर्जन एंटीऑक्सिडेंट के साथ, आपके गठिया, मधुमेह और कोरोनरी हृदय रोग का जोखिम उल्लेखनीय रूप से कम हो जाता है।

2. हृदय रोग और हृदय संबंधी समस्या को रोकना

रक्त संचार प्रणाली में गैंगल में जठरांत्र प्रणाली और अन्य महत्वपूर्ण अंगों को रक्त की आपूर्ति में वृद्धि से हृदय संकुचन, हृदय उत्पादन में कमी आती है। आयुर्वेदिक या भारतीय दवा में, गलंगल को अक्सर हृदय रोग पारंपरिक दवा के रूप में परोसा जाता है। जर्मनी, ऑस्ट्रिया, और स्विटज़रलैंड जैसे जर्मन भाषी देशों में दिल का दौरा पड़ने से रोकने के लिए गैलांगल को सबसे अच्छा घरेलू उपचार माना जाता है। यहां तक ​​कि डॉ। स्ट्रेनलेव ने, बिंजेन की दवाई के लेखक ने दिल के दौरे से जीवन रक्षक के रूप में गलंगल का उल्लेख किया। वह वह है जो विशेष रूप से युवा पीढ़ी के लिए स्वस्थ हृदय को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक दवा में गैलंगल के उपयोग को बढ़ावा देता है।

Galangal | rahsya.net

3. सूजन और गठिया को रोकें

कई शोधों से पता चला है कि गंगाजल में अदरक नामक एंटी-इंफ्लेमेटरी पदार्थ होते हैं जो प्रोस्टाग्लैंडीन सिंथेसिस को रोकते हैं और हिस्टामिनिक भी सेरोटोनिक मार्ग को बाधित करते हैं। गलांगल की यह विरोधी भड़काऊ प्रतिक्रिया गठिया और संधिशोथ उपचार के लक्षणों को कम करने में लाभकारी सेवा कर सकती है। संधिशोथ संयुक्त विकार की एक स्थिति है जो सूजन के कारण और लंबे समय तक चलने वाले ऑटोइम्यून विकार के प्रभाव के रूप में होती है।

4. ट्यूमर और कैंसर से बचाव

गैलंगल कई एंटीऑक्सिडेंट पदार्थ की मेजबानी करता है जो मुक्त कणों और शरीर में प्रवेश करने वाले अन्य विष घटक के कारण क्षतिग्रस्त डीएनए को कम करने में मदद करते हैं। यूके के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए शोध में पाया गया कि फेफड़ों और स्तन कैंसर से पीड़ित लोगों के साथ प्रयोग के अनुसार गलंगल निकालने में कैंसर विरोधी गतिविधियाँ होती हैं। गलांगल में सबसे अधिक एंटीऑक्सिडेंट घटक जो मुक्त कणों से लड़ते हैं, वे गलावांगिन नामक फ्लेवोनॉयड होते हैं। गैलेंजिन एंजाइम की गतिविधि को नियंत्रित कर सकता है और रसायन-जहरीलेपन को दबा सकता है। इससे पता चला कि गलांगा बहुत ही संभावित जड़ी-बूटियाँ हैं जो कैंसर-रोधी का काम करती हैं। अन्य शोधों में यह भी बताया गया है कि ट्रांसकोनिवरिल डायसेट, एसिटॉक्सी चैविकोल एसीटेट और एसिटोकसी यूजेनॉल सीटेट, एक्सथिन एंजाइम के मार्ग को रोक सकते हैं जो ट्यूमर के विकास को गति प्रदान करते हैं।

5. पाचन समस्या के कारण होने वाली बेचैनी से राहत दिलाता है

गलांगा में आहार फाइबर और फाइटो-रसायन पेट में भोजन मिश्रण की प्रक्रिया को बढ़ाने में मदद करता है। यह लार और पाचन एसिड स्राव को कम करने में भी मदद करता है जो अल्सर वाले लोगों को समस्या देता है। गैलंगल का सेवन करने से व्यक्ति के पेट को आराम मिल सकता है जो अल्सर से पीड़ित है। यह भी माना जाता है कि गलंगा एनोरेक्सिया और पेट दर्द को रोक सकता है। जावा द्वीप, इंडोनेशिया में ताजा कद्दूकस किया हुआ गंगाल थोड़ा नमक डालकर खाली पेट दिया जाता है। यह माना जाता है कि कसा हुआ गैलंगल बढ़े हुए प्लीहा को ठीक कर सकता है और पेट में बेचैनी की भावना को दूर कर सकता है।

गलंगल की मजबूत सुगंधित गंध मतली का इलाज कर सकती है। उन प्रभावों के अलावा, गलंगल को कार्मिनिटिव प्रभाव भी माना जाता है जो पेट फूलने से राहत देता है। गैलंगल की कोई विशिष्ट अनुशंसित खुराक नहीं है, लेकिन 1 ग्राम कंद का उपयोग कैरमैनेटिव के रूप में किया जा सकता है।

6. अस्थमा से छुटकारा

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स्वस्थ श्वसन प्रणाली को बनाए रखने में गैंगल महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गैलांगन जो दवा के रूप में इस्तेमाल किया गया है, इसमें एक एंटीस्पास्मोडिक प्रभाव होता है जो बलगम (कपा) को कम करता है और अस्थमा को कम करने के लिए ब्रोन्किओल्स को पतला करता है। यह भाषण खामियों जैसे कि डिसरथ्रिया, हकलाना और वाचाघात के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

7. रक्त लिपिड और कोलेस्ट्रॉल कम करना

चीन के शोधकर्ताओं ने बताया है कि गंगा का अर्क फैटी-एसिड सिंथेज़ को प्रभावी ढंग से रोक सकता है। गैलांगा को अपने फ्लेवोनोइड द्वारा वसा संश्लेषण के तंत्र को रोकने के लिए माना जाता है, जैसे कि गैलांगिन, क्वेरसेटिन और केम्पफेरोल। जबकि कोरिया के शोधकर्ताओं ने यह भी प्रदर्शित किया कि गलांगा के अर्क ने ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल को काफी कम कर दिया।

8. समुद्र, गति और सुबह की बीमारी से छुटकारा पाएं

माना जाता है कि गंगा का मांस चबाना मोशन सिकनेस को ठीक करता है। गलांगा में सुगंधित तेल तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित और शांत कर सकता है। गर्भवती महिला आमतौर पर मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव करती है। गर्म पानी और शहद के साथ पीसा हुआ गलंगल स्लाइस पीने से सुबह की बीमारी से राहत मिल सकती है।

9. दस्त के लिए इलाज

गैलंगल में एंटी-बैक्टीरियल प्रभाव होता है जो रोगज़नक़ बैक्टीरिया से छुटकारा दिलाता है और दस्त का इलाज कर सकता है। अनुसंधान ने गैंगंगल के विभिन्न अर्क की रोगाणुरोधी गतिविधि को दिखाया जैसे कि एशेरिचिया कोली, साल्मोनेला एंटरिडिटिस, क्लोस्ट्रीडियम परफिंजेंस, स्टैफिलोकोकस ऑरियस, कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी, बेसिलस सेरेस जैसे कुछ जनित रोगजनक बैक्टीरिया डायरिया का कारण हैं।

10. पोलुरिया में पेशाब कम आना

मूत्र प्रणाली में गैलंगल मूत्र उत्पादन की क्षमता को थोड़ा कम कर देता है और इसका उपयोग पोल्यूरिया और अन्य मूत्र विकार में उपचार के रूप में किया जाता है।

11. शरीर को स्टैमिना बनाए रखें

इंडोनेशिया में लोग टॉनिक का उत्पादन करने के लिए अन्य अवयवों जैसे लहसुन, काली मिर्च, इमली और आदि के साथ गंगाजल मिलाते थे जिसे वे "जामू" कहते थे। यह टॉनिक शरीर की सहनशक्ति रखने के लिए माना जाता है अगर दिन में तीन बार सेवन किया जाए और मांसपेशियों की थकान को दूर करने में मदद की जाए।

12. नपुंसकता के लिए उपयोग किया जाता है

ऐसा कहा जाता है कि गंगाजल का एक टुकड़ा मुंह में रखने से यौन इच्छा को बढ़ावा मिलता है। अरब देशों में गलगल को कामोद्दीपक के रूप में उपयोग किया जाता है और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में लोग अक्सर मासिक धर्म संबंधी विकार के उपचार में गलंगल का उपयोग करते हैं।

13. शरीर को ठंड से बचाएं

बाहरी आवेदन और गलांगा पाउडर का सेवन संचार विफलता के कारण उच्च श्वसन और ठंडक को कम करता है। नेपाल में यात्रा करने वाले डॉक्टर के एक अनुभव ने कहा कि रक्त संचार में सुधार और गर्म भावना पैदा करने के कारण गलंगल ठंड के खिलाफ तत्काल राहत देने वाला है।

14. खांसी, गले में खराश और साफ होने वाली आवाज से राहत दें

गैलंगल में expectorant कार्रवाई है और कई श्वसन समस्याओं में उपयोगी है, विशेष रूप से उन बच्चों के लिए जो हूपिंग खांसी से पीड़ित हैं। भारत में सीने में दर्द, गले में खराश और साफ आवाज को राहत देने के लिए लोग गर्म पानी के साथ गंगाजल का अर्क मिलाते हैं। बस कुछ गैलंगल पाउडर मिलाएं या चूने के साथ उबला हुआ पानी में गैलंगल स्लाइस काढ़ा करें। यह एक टॉनिक हो सकता है जो खांसी और गले की समस्या को दूर कर सकता है।
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15. कैटरर को राहत दें

कैटरल नाक गुहा में अत्यधिक श्लेष्म उत्पादन की स्थिति है जो श्लेष्म झिल्ली की सूजन के कारण होता है। जब कोई व्यक्ति सर्दी या फ्लू से पीड़ित होता है, तो एक लक्षण है। गंगाजल के पाउडर को सूंघने के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है जो कि राहत देने में मदद करता है। बस 15-30 ग्राम गैलन पाउडर को गर्म पानी में घोलें और फिर इसे सूंघें।

16. कान के दर्द को कम करना

कान में कभी-कभी संक्रमण हमारी गतिविधि को परेशान करता है और यह गंभीर हो सकता है अगर हम सिर्फ दर्द को कान में रहने दें। गलंगल कान में दर्द को कम करने में मदद कर सकता है जो सूजन के कारण होता है। बस कुछ गंगाजल को कद्दूकस कर लें और उसमें से तरल निचोड़ लें फिर इसे अपने कान में डालें।

17. बालों की जड़ों को मजबूत करता है और स्वस्थ बालों को बढ़ावा देता है

गैलंगल का हृदय प्रभाव भी बालों की जड़ के विकास को लाभ दिखाता है। गंगाजल का स्वस्थ हृदय प्रभाव बालों की जड़ तक ऑक्सीजन के परिवहन में सुधार करता है और बालों की ताकत बढ़ाता है।

18. इम्यून सिस्टम और एंटी-एचआईवी को मजबूत करें

अनुसंधान ने यह साबित किया है कि गर्म पानी में घुलने वाले गैलंगल का पॉलीसैकराइड अर्क रेटिकुलो एंडोथेलियल सिस्टम (आरईएस) सेल के विकास पर एक उत्तेजक प्रभाव रखता है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में भूमिका निभाने वाली कोशिकाओं और प्लीहा कोशिकाओं को बढ़ाता है। ये यिंग ली बाओ द्वारा किए गए शोध में बताया गया है कि 1′S-1 ac-acetoxychavicol एसीटेट जो कि गंगल के अर्क से अलग है, में एंटी ह्यूमन इम्यूनोडिफीसिअन्सी वायरस टाइप 1 है और वायरस की प्रतिकृति को अवरुद्ध करता है।

19. ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण को कम करना

अनुसंधान जिसने यादृच्छिक डबल-ब्लाइंड प्लेसेबो को नियंत्रित किया था, ओस्टियोआर्थराइटिस के रोगियों में लक्षणों और दर्द को कम करने और गंभीर घुटने के दर्द से पीड़ित होने के लिए गैलंगल का केंद्रित अर्क पाया गया है।

20. रक्त परिसंचरण में सुधार करता है

हर्ब को आपके शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने की क्षमता के रूप में घोषित किया जाता है। ऐसा करने से, गलंगल रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और त्वचा के ऊतकों में पोषक तत्वों के प्रवेश की अनुमति देता है। इसी तरह, जड़ी बूटी के पास मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण हानिकारक विषाक्त पदार्थों को आपके शरीर में जमा होने से रोकता है। जैसे ही आपके शरीर से अवांछित विषाक्त पदार्थों को हटाया जाता है, आपके परिसंचरण तंत्र की गतिविधि में सुधार होता है।

21. त्वचा को जवां बनाए रखें

कॉस्मेटिक उद्योग एंटी-एजिंग फॉर्मूला बनाने के प्रयास में गैलंगल अर्क का उपयोग करता है। यह कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि हम जानते हैं कि गैंगंगल में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट शरीर में प्रवेश करने वाले मुक्त कणों को रोकने के लिए बहुत प्रभाव डालते हैं जो उम्र बढ़ने को भी बढ़ावा देता है। गैलंगल में विटामिन सी त्वचा कोशिकाओं के कायाकल्प में भी भूमिका निभाता है और त्वचा को उम्र बढ़ने से दूर रखता है।
22. लिवर को केमिकल की विषाक्तता से बचाएं

पेरासिटामोल के उपयोग के रूप में रासायनिक दुष्प्रभाव के खिलाफ जिगर की रक्षा के लिए एक संभावित प्रभाव भी पाया जाता है। तो अपने पकवान में कुछ गंगाजल जोड़ने से दिल और जिगर की रक्षा करने का सबसे अच्छा तरीका है।

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23. अल्जाइमर रोग और मानसिक थकान को रोकें

अल्जाइमर, डिमेंशिया के एक लक्षण के रूप में मस्तिष्क समारोह में क्षति एक चौंकाने वाली बीमारी है। कुछ शोधकर्ता ने पाया कि गंगंगल जड़ी बूटी संज्ञानात्मक बढ़ाने और मस्तिष्क की याददाश्त को बढ़ाने के बाद अल्जाइमर को रोकने में संभावित प्रभाव डालती है।

24. मुँहासे और मुँहासे के निशान से छुटकारा पाएं

अगर आपको मुंहासों की समस्या है, तो मुंहासों और डार्क स्पॉट को हटाने के लिए गंगल एक घरेलू उपाय हो सकता है। गंगाजल का रस पीने या त्वचा पर गंगल का मांस रगड़ने से धीरे-धीरे मुँहासे और त्वचा की सुस्ती कम हो सकती है।

25. भूख बढ़ाना

गैंगंगल जड़ी बूटी का उपयोग भूख बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है और यही कारण है कि कुछ पकवान जो गैंगंगल का उपयोग करते हैं, उन्हें खाने के लिए अधिक माउथवॉटरिंग होती है और पाचन तंत्र को शांत करने में गैलंगल के प्रभाव से किसी को भोजन का आनंद अच्छी तरह से मिल सकता है।

26. त्वचा की कुछ समस्या और एलर्जी का इलाज करें

गलांगा की जड़ें सीधे कुछ त्वचा क्षेत्र को रगड़ने के लिए इस्तेमाल की जा सकती हैं जो कवक द्वारा संक्रमित होती हैं। इंडोनेशिया के एक द्वीप जावा में, लोग त्वचा के फंगस के कारण होने वाले सफेद धब्बे वाले क्षेत्र में गलांगा रगड़ते थे, जिसे इंडोनेशिया में लोग गंगा के स्लाइस के साथ "पानू" कहते थे। यह भी जाना जाता है कि अन्य त्वचा की समस्या जैसे एक्जिमा, जलन और खुजली वाली त्वचा को ठीक करने के लिए गलंगा का उपयोग दिन में 2 से 3 बार त्वचा पर किया जा सकता है। अगर आपको झींगा, मछली या किसी अन्य समुद्री भोजन से एलर्जी है और इससे आपकी त्वचा में खुजली होती है, तो रोज़ाना गंगाल टॉनिक या चाय पीने से धीरे-धीरे आपकी एलर्जी दूर हो सकती है।

27. रूसी और खोपड़ी की समस्या को दूर करें

गैलंगल के एंटी-फंगल प्रभाव को त्वचा के लगभग क्षेत्र पर लागू किया जा सकता है जो कवक से संक्रमित होता है, कम खोपड़ी का कोई भी नहीं। कवक खोपड़ी को संक्रमित कर सकता है और परिणामस्वरूप रूसी हो सकता है। आप इसे सीधे खोपड़ी पर रगड़ सकते हैं या जैतून के तेल के साथ कुछ कसा हुआ गैलंगल मिला सकते हैं और फिर इसे खोपड़ी के क्षेत्र पर फैला सकते हैं जो कवक द्वारा संक्रमित होता है।

28. बांझपन का इलाज करता है

यह सुझाव दिया गया है कि पश्चिम में शुक्राणु की गुणवत्ता में कमी आई है। शुक्राणु की गुणवत्ता में कमी के साथ बांझपन की संभावना आती है। गर्भधारण की इच्छा रखने वाले जोड़े जहां शुक्राणु की गुणवत्ता कम संबंधित मुद्दों को एक विकल्प के रूप में केवल आईवीएफ है। अन्य, शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार के लिए कम आक्रामक तरीके इसलिए आवश्यक हैं। विभिन्न नैदानिक ​​परीक्षणों से पता चला है कि गलंगल में प्रजनन क्षमता बढ़ाने की क्षमता है। जिस तरह से यह शुक्राणु-उत्पत्ति, शुक्राणु का निर्माण, इस प्रकार शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि करता है। यह शुक्राणु की गतिशीलता को भी बढ़ाता है, जो शुक्राणु कोशिकाओं की एक गति है।


गंगंगल (कुलंजन) के आयुर्वेदिक स्वास्थ्य लाभ

दमा:
 आधा टीस्पून मिलाएं। रूट स्टॉक पाउडर 250 मिलीलीटर पानी में। इसे 4 घंटे के लिए छोड़ दें। 1 चम्मच जोड़कर इस जलसेक को पीएं। इसमें शहद।

चेस्ट कंजेशन:

 पीने के पानी के बर्तन में कुछ कुचल जड़ स्टॉक भिगोएँ। जब भी प्यास लगे तो शहद मिलाकर पीएं।

खांसी:
 2 कप पानी लें। 4 घंटे के लिए 5 ग्राम कुचले हुए गंगाजल के छिलके को भिगो दें। 1 चम्मच जोड़ें। शहद और पेय। या: गलंगल रूट स्टॉक और चीनी के पाउडर को बराबर अनुपात में मिलाएं। आधा टीस्पून लें। सोते समय गर्म दूध के साथ। या: गंगाल के मूल स्टॉक पर अरंडी के तेल की एक परत बनाएं। जब तक यह गर्म न हो जाए। इसे पाउडर और स्टोर करने के लिए पीस लें। आधा टीस्पून लें। दिन में एक बार शहद के साथ। या: चीनी के साथ गलंगल के प्रकंद को कुचलें। 3 ग्राम है। दिन में एक बार।

कफ:

 1/2 चम्मच जोड़ें। 2 कप पानी में गंगाजल का चूर्ण। इसे 3 घंटे तक रखें। पीने से पहले 1 चम्मच शहद के साथ मीठा। या: दिन में एक बार चीनी के साथ गंगाजल का कुचल स्टॉक खाएं। या: गैंगल के प्रकंद का जलसेक बनाएं। इसे छान लें और चीनी डालें। दिन में तीन बार 10 मिलीलीटर लें

जुकाम:
 प्रत्येक गंगाल की छाल और चीनी का 50 ग्राम चूर्ण लें। गर्म दूध के साथ सोते समय 3 ग्राम लें।

मतली:
 गैंगल के प्रकंद को लें इसे कैस्टर ऑयल में डुबोएं। इसे आंच पर भूनें। इसे पाउडर करें। रोजाना शहद के साथ 3 ग्राम लें। या चीनी के साथ गंगाजल के प्रकंद पाउडर की समान मात्रा मिलाएं। 1 चम्मच खाएं। दिन में एक बार।


मसूढ़े की बीमारी:
 गैंगल के प्रकंद का काढ़ा बनायें इसे गार्गल के लिए उपयोग करें।



बुखार:

 गलंगल और शक्कर का मूल स्टॉक मिलाएं। पाउडर बनाने के लिए पीसें। आधा टीस्पून लें। सोते समय गर्म पानी या दूध के साथ।

सिरदर्द:

 बराबर मात्रा में चीनी और गंगाजल की जड़ को मिलाकर पीस लें। सोने से पहले गर्म दूध के साथ 3 ग्राम लें।


मांसपेशियों की ऐंठन:

 बाह्य रूप से कसा हुआ गैलींगल को एक पुल्टिस के रूप में लागू करें। या: एक गर्म fomentation के रूप में उपयोग करें

मेन्स स्कैंटी:

 एक दिन के लिए नियमित रूप से आधा कप गर्म गंगाजल की चाय पियें। यह पसीने को बढ़ावा देता है।

गले में खराश: 

राहत पाने के लिए जड़ स्टॉक चबाएं।

गठिया:

 एक कप गुनगुने पानी में 4 ग्राम प्रकंद का चूर्ण मिलाएं। इसे दिन में तीन बार पियें।


पाचन संबंधी विकार:

 हर भोजन से पहले 3 ग्राम प्रकंद के चूर्ण का सेवन करें।

कामोद्दीपक:

 दिन में एक बार 6 ग्राम गैलंगल रूट स्टॉक का नियमित सेवन स्पर्म काउंट बढ़ाने में मदद करता है

अस्थमा: 

एक मिट्टी के बर्तन में 6 चम्मच चम्मच बेल के पत्ते, क्लिंजिंग बैंगन और कुचले हुए गंगाल की जड़ का एक छोटा टुकड़ा मिलाएं। एक बड़ा चम्मच जीरा, 4 काली मिर्च और एक बड़ा चम्मच सूखा अदरक पाउडर मिलाएं। 3 गिलास पानी डालें। एक गिलास तक कम उबालें। दिन में दो बार एक चम्मच लें।

खांसी: 

एक मिट्टी के बर्तन में 6 चम्मच चम्मच बेल के पत्ते, क्लिंजिंग बैंगन और कुचले हुए गंगाल की जड़ का एक छोटा टुकड़ा मिलाएं। एक बड़ा चम्मच जीरा, 4 काली मिर्च और एक बड़ा चम्मच सूखा अदरक पाउडर मिलाएं। 3 गिलास पानी डालें। एक गिलास तक कम उबालें। दिन में दो बार एक चम्मच लें।

ब्रोंकाइटिस:

 कबाब, गलांगल, लीकोरिस और लॉन्ग पीपर की समान मात्रा लें। इन्हें एक साथ पीस लें। एक कप पानी में दो चम्मच पाउडर उबालें। दो चम्मच शहद मिलाएं और प्रतिदिन गुनगुना करें।

खांसी: 

कबाब, गलांगल, लीकोरिस और लॉन्ग पीपर को बराबर मात्रा में पीस लें। रोजाना दो चम्मच शहद के साथ एक चम्मच लें।


सांस लेना:

 बेताल पत्ती के साथ गैलंगल की एक छोटी मात्रा कुचल जड़ को चबाएं।

खांसी: 
एक चम्मच लें। गैलंगल, एबिस स्पेक्ट्राबेलिस, लॉन्ग पेपर, और नद्यपान का पाउडर। पेस्ट बनाने के लिए थोड़ा पानी डालें। इसे 4 कप पानी के साथ उबाल आने तक गर्म करें। इस काढ़े को शहद के साथ दिन में तीन बार लें।


खांसी: 

3 मिलीलीटर के लिए 250 मिलीलीटर उबला हुआ पानी में गैलंगल रूट स्टॉक का एक छोटा टुकड़ा भिगोएँ। इसमें कुछ खजूर चीनी मिला लें। 3 चम्मच लें। दिन में तीन बार।
टॉन्सिलाइटिस:

 लीकोरिस, स्वीट फ्लैग और गैलंगल की समान मात्रा लें। इन्हें एक साथ पीस लें। दिन में एक बार हनी के साथ एक चम्मच लें

लिबिडो बूस्टर: 

20 ग्राम सिनीडियम, 20 ग्राम चाइनीज गैल, 20 ग्राम लिगस्टिकम वालिचि रूट, 20 ग्राम लीव्स और होरी बकरे के तने का आटा, 20 ग्राम मोरिंडा ऑफिसिनैलिस रूट, 20 ग्राम चुफा रूट, 20 ग्राम जड़ और राइजोम का सूखा हुआ रूप लें। नोटोप्ट्रीजियम, 20 ग्राम फ्लावर ऑफ मैगनोलिया बार्क, 20 ग्राम गैलंगल राइजोम, 8 से 10 लहसुन लौंग, 30 ग्राम शिसांद्रा फल, 10 ग्राम दालचीनी की छाल और 30 ग्राम रूट रूट और स्पाइकेंर्ड के राइजोम। उन्हें एक साथ पाउडर करें। कुछ रातों के लिए दूध के साथ आधा चम्मच लें। यह सूत्र पुरुषों और महिलाओं दोनों में कामेच्छा को बढ़ाता है। विशेष रूप से महिलाओं में बेहतर परिणाम पाए गए हैं। यह शरीर को गर्म करता है और सेक्स स्टैमिना को बढ़ाता है।






Health Benefits of Kulanjana Oil , Galangal Oil , कुलंजन तेल ( गलांगाल तेल ) के अनगिनत फायदे 

References: