तुलसी के अलावा कौन से पौधे हैं जो हर घर में अवश्य होने चाहिए और क्यों ?


तुलसी के अलावा कौन से पौधे हैं जो हर घर में अवश्य होने चाहिए और क्यों ?

आजकल जैविक और हर्बल का बहुत चलन है। तो मेरे हिसाब से घर में वो पौधे अवश्य रखने चाहिए जो आपके बाग़वानी की इच्छा को पूर्ण करने के साथ साथ उपयोगी भी सिद्ध हो। कुछ पौधे पुरे साल चलते है तो कुछ पौधे मौसम विशेष में चलते है। तुलसी के अतिरिक्त आपको जो पौधे अपने घर में लगाने चाहिए वो निम्न प्रकार है।
1. लेमन ग्रास : ये एक बहु वर्षीय ग्रास है जो नियमित देखभाल करने पर ३ साल आराम से चलती है। दैनिक जीवन में आप लेमन टी में इसका उपयोग कर सकते है।

2. सिट्रोनेला : ये एक बहु वर्षीय ग्रास है जो नियमित देखभाल करने पर ३ साल आराम से चलती है। रूम फ्रेशनर के रूप में इसका उपयोग किया जा सकता है।
3. मिंट : पुदीना से आप परिचित है औषधीय उपयोग के अतिरिक्त आप चटनी या पेय बनाने में इसका उपयोग कर सकते है।

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4. स्टीविआ : ये आपके चीनी का विकल्प है घर में होना चाहिए पौधा देखने में भी अच्छा लगता है और चीनी के विकल्प के रूप में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
5. अपराजिता : ये खूबसूरत बेल हमेशा हरीभरी रहती है और खूबसूरत सफ़ेद या नील फूल देती है। इन फूलो का उपयोग आप ब्लू टी बनाने में कर सकते है।
6. करी पत्ता या मीठा नीम : मीठा नीम किचन की जरुरत है। आपके घर में लगा हुआ पौधा आपको हमेशा ताजा पत्तिया आपके भोजन के लिए देता रहेगा।
7. अजवाइन/डिल सीड : दोनों पौधे देखने में खूबसूरत लगते है और पत्तिया अनेक प्रकार के भोजन बनाने में उपयोग होती है। पौधा 6 माह तक चलता है सर्दियों में अवश्य लगाना चाहिए।
8. सौंफ : ताजा सौंफ और उसकी पत्तियां भी खुशबु के लिए भोजन में प्रयुक्त होती है और पौधे भी खूबसूरत दीखते है 8 - 9 महीने तक ये पौधा आपके गमले की शोभा बढ़ा सकता है।
9. चाइव्स : अदरक और लहसुन का फ्लेवर एक साथ प्राप्त करने के लिए इसे अवश्य लगाना चाहिए।
10. लेमन तुलसी : तुलसी का यह प्रकार आपको निम्बू और तुलसी दोनों का फ्लेवर देता है जरूर लगाना चाहिए।
11. एलोवेरा : इसके गुणों से आप पूर्व परिचित है घर में रहेगा तो आप ताजा जेल का उपयोग कर सकते है।
12. धनिया : सर्व सुलभ है आराम से आप इसे पुरे वर्ष थोड़ी सावधानी के साथ लगा सकते है और ताजे धनिये की बात ही कुछ और होती है ये आपको खाने के बाद पता चल ही जाएगा।
13. हल्दी : हल्दी का पौधा बहुत खूबसूरत तो दीखता ही है आपको खाने के लिए भी बेहतरीन हल्दी प्राप्त हो जाती है।
14. गुड़हल : लाल गुड़हल जिसका फूल बड़ा होता है खूबसूरत तो होता ही है। फूल भी उपयोगी होते है और पत्तियों को उबालकर आप शैम्पू की तरह इस्तेमाल कर सकते है।
15. गिलोय : एक खूबसूरत हरे पत्तो वाली बेल जिसके अनेकोनेक फायदे है जरूर लगाइये।
16. कैमोमाइल : खूबसूरत सफ़ेद फूलो वाला पौधा घर में जरूर लगाइये और फूलो से बानी ताजा कैमोमाइल चाय का आनंद लीजिये। सूखे फूल बाद में भी उपयोग किये जा सकते है अक्टूबर से अप्रेल तक आप इसे लगा सकते है।
17. अश्वगंधा : महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है जिसे आप हमले में लगा सकते है जहाँ यह बहुवर्षीय रहेगा।
और भी बहुत है लेकिन फ़िलहाल के लिए इतना बहुत है।
Edit 1 : आज फिर समय मिला है तो कुछ और पौधे और हर्ब्स की जानकारी जोड़ रहा हूँ।
18. कैलेंडुला : अच्छे सुन्दर फूलो के साथ साथ कैलेंडुला बालो के लिए भी उपयोगी है।
19. पार्सले : देखने में खूबसूरत होने के साथ साथ भोजन में इसके उपयोग के बारे में अलग से लिखने की आवश्यकता नहीं है।
20. खस : देखने में बहुत खूबसूरत नहीं है लेकिन उपयोगी बहुत है एक गमले में लगाइये और हर साल गर्मियों में खस का असली शरबत बनाकर पीजिये। ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी है लगाने में।
21.विलायती अजवाइन : ये पौधा सामान्यतया सजावटी पौधे के रूप में जाना जाता है। अजवाइन की खुशबु आने से इसे अजवाइन के नाम से ही जाना जाता है लेकिन यह अजवाइन नहीं है। इसकी पत्तियां मोटी गूदेदार होती है जिसके पकोड़े बहुत स्वादिष्ट होते है।
22. पीली सरसों : सरसों से आप परिचित है अक्टूबर में लगाइये 2 - 3 बार सरसो का सैग खाइये और उसके बाद दाने अचार बनाने में इस्तेमाल कीजिये। जब पिले फूलों की बहार आती है नजारा देखनेवाला होता है।
23. सुरन : सुरन या जमीकंद एक सब्जी है जो कंद है। पौधा भी सुन्दर होता है और सब्जी भी बन जाती है। चौड़े और बड़े गमले में लगाइये।
24. पान : पान के औषधीय उपयोग तो हे ही बेल भी खूबसूरत होती है और छायादार स्थान में भी लग जाता है। ट्राई करने में कोई बुराई नहीं है मिल जाए तो जरूर। शुभ तो हे ही।
25. अडूसा : खांसी की दवाओं में उपयोगी है। खांसी जुखाम में इसकी पट्टी का काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है। एक आध पौधा लगा रहे तो कोई बुराई नहीं है। पत्तियां खूबसूरत दिखती है अपने गहरे हरे रंग में।
26. जिरेनियम : खूबसूरती के लिए जरूर लगाइये।
27. पीपली : भूख बढ़ाने में आयुर्वेद में हमेशा उपयोग होता आया है। मसलो में भी उपयोग की जाती है। लता देखने में बहुत खूबसूरत लगती है खास तौर पर तब जब उसमे फल लगे हो।
28. रोजमेरी : अगर आके यहाँ मौसम के अनुकूल है तो जरूर लगाइये और उपयोग अपनी किचन में कीजिये। ताजा रोजमेरी की बात ही कुछ और है।
29. दमश्क गुलाब : ठन्डे इलाके में है तो जरूर लगाइये। असली गुलाब की खुशबु के लिए। गुलाब का तेल किस्म से बनता है। शरबत बनाकर पिने पर रूह अफ्जा भूल जाएंगे। (ओनर्स प्राइड)
30. सतावर : घर में जरूर लगाइये बेल खूबसूरत होने के साथ साथ शक्तिवर्धक औषधि भी आपको घर में ही उपलब्ध करा देगी।
एडिट 2 : समय अभाव की वजह से पूरा उत्तर एक बार में नहीं लिख पा रहा हूं।
31. सब्जा : खुशबूदार सदाबहार पौधा देखने में तो अच्छा लगता है फूलों का उपयोग पूजा में कीजिए बीज फलूदे में डालिए।
32. चिया बीज : सुपर फूड के नाम से आप अच्छे से परिचित है। भारत में इसका आगमन ज्यादा पुराना नहीं है। बारिश में भी लगता है और सर्दी में भी बस पाला नहीं पड़ना चाहिए। नीले फूलो की जब मंजरी आती है बहुत खूबसूरत दिखता है।
33. गूगल : वहीं जिसका रेजिन आप हवन में इस्तेमाल करते है। कहते है गूगल का पौधा घर में होने से दुष्ट शक्तियां दूर रहती है। रखरखाव से रहित पौधा है। सबसे अच्छी बात इसकी बोनसाई बहुत बढ़िया बनती है। जो लोग बोनसाई रखना चाहते है इसे जरूर लगाएं।
उत्तर को ध्यान से पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद्।
बीज कहां से उपलब्ध होंगे या पौधे कहां से ले की जानकारी आप कॉमेंट करके प्राप्त कर सकते है।
सभी चित्रों के अधिकार उनके मालिकों के पास सुरक्षित है।

फिल्मे इतना सारा पैसा कैसे कमा लेती हैं, जबकि पैसे तो सिनेमा वालो के पास जाते हैं? सिनेमा कैसे पैसा कमाते हैं ?

सिनेमा तो हम सभी देखते हैं लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि यह मूवीस पैसा कैसे कमाती है? . मूवीस तो थिएटर में दिखाई जाती है ना तो उससे मूवीस के प्रड्यूसर को कैसे प्रॉफिट मिलता है? या फिर क्या मूवीस सिर्फ टिकट सेलिंग से ही पैसा कमाती है? आज के इस में हम आपको इन्हीं सबके बारे में बताने जा रहे हैं कि इंडिया में जो फिल्म इंडस्ट्री है उसका बिजनेस मॉडल क्या है?
FIRST LOOK AT THESE MOVIES AND THEIR COLLECTION :

URI: THE SURGICAL STRIKE  The movie managed to earn Rs 241 crore in 28 days.

PADMAVAT :  The movie managed to earn Rs 302 crore in 11 days. 

SANJU : The movie managed to earn Rs 341 crore in just seven days. 

SIMMBA : It also managed to collect Rs 240 crore in 17 days.

SULTAN : The movie managed to earn Rs 300 crores in 7 days.

DANGAL : The movie managed to earn Rs 386 crore in 8 days. 

BAJRANGI BHAIJAAN : The movie managed to collect Rs 320 crore in 9 days.

PREM RATAN DHAN PAYO : Film, managed to earn Rs 208 crore in 14 days. 

PK : The movie managed to earn Rs 340 crore in just 9 days




फिल्म इंडस्ट्री की कमाई से पहले हम लोग यह समझते हैं कि एक मूवी को बनने में कितने तरह के खर्चों लगते हैं?
इसको चार पार्ट में डिवाइड किया गया है, मतलब कि जब एक मूवी बनती है तो वह इन चार स्टेज से होकर गुजरती है।
1. Development
2. Pre- Production
3. Production
4. Post- Production
1. Development
डेवलपमेंट स्टेज में आता है स्क्रिप्ट राइटिंग जो कि एक मूवी बनाने का सबसे स्टार्टिंग पॉइंट होता है। मतलब की मूवी का बेस होता है। मतलब की स्टोरी, डायलॉग्स, ये सारी चीजें जो है डेवलपमेंट स्टेज में की जाती है।
2. Pre-production
उसके बाद आता है प्री-प्रोडक्शन स्टेज इस स्टेज में पूरी प्लानिंग होती है कि मूवी की शूटिंग किस लोकेशन पर होगी, फिल्म में हीरो-हीरोइन और अदर एक्टर्स कौन-कौन होंगे और जो फिल्म बनाने वाली टीम मूवी के शूटिंग पर कहाँ कहाँ जाएगी उसकी पूरी प्लानिंग होती है।
3. Production
इसके बाद आता है प्रोडक्शन स्टेज, इस स्टेज में मूवीस की एक्चुअल में पूरी शूटिंग होती है, जो उसकी प्लैनिंग हुई थी। उसके मुताबिक फिल्म की पूरी शूटिंग की जाती है। हम सब मूवी के शूटिंग के स्टार्ट होने से उसके अंत होने तक जितनी भी चीजें हैं, वह आती है प्रोडक्शन स्टेज के अंदर। फिर आती है लास्ट स्टेज पोस्ट प्रोडक्शन
4. Post- Production
इसमें जो मूवी शूट हुई थी उसकी एडिटिंग, विजुअल इफेक्ट्स, साउंड डिजाइन, एंड म्यूजिक वगैरा का काम किया जाता है।
अब यहां पर मूवी बनने के 4 स्टेज कंप्लीट होने के बाद फिल्म कंप्लीट बनकर तैयार हो जाती है।
अब यहां तक फिल्म के बनाने में जितने भी खर्चे हुए हैं जैसे कि हीरो-हीरोइन की प्रोडक्शन, डिजाइनिंग, टेक्नीशियन, आर्टिस्ट और भी फिल्म से जुड़े जो खर्चे हैं, इत्यादि सभी खर्च प्रोडूसर अदा करता है।
अब हम सब जानते है की प्रोडूसर जो इस मूवी पर पैसा लगाता है। वह इससे कैसे प्रॉफिट कमाता है? दोस्तों यह सारा बिजनेस मॉडल सप्लाई चेन पर काम करता है यहां पर दो केस होते हैं।
1st Case
इसमें में कुछ प्रोडूसर खुद ही डिस्ट्रीब्यूटर होते हैं। जैसे Yes Raj films, Dharma productions,Erows Now Etc
2nd Case
इस केस में इंडिविजुअल प्रोडूसर होते हैं जो दूसरे डिस्ट्रीब्यूटर को मूवी बेच देते हैं और उसमें अपना प्रॉफिट कमा लेते हैं।
दोस्तों अब यहां 2nd Case की बात करें तो Producer के लिए पहले ही मूवी हिट होती है। क्योंकि Producer ने पहले ही फिल्म को प्रॉफिट पर डिस्ट्रीब्यूटर को बेच दिया है। तो मूवी अगर कल फ्लॉप भी हो जाती है तो उसका नुकसान डिस्ट्रीब्यूटर को उठाना पड़ता है।
डिस्ट्रीब्यूटर(Destributer)
चलिए अब बात करते हैं वितरक(Destributer) की। दोस्तों असली खेल यहीं से शुरू होता है। डिस्ट्रीब्यूटर इसके बाद फिल्म के मार्केटिंग, प्रमोशन और एडवरटाइजिंग पर अच्छा खासा पैसा खर्च करता है, क्योंकि आजकल मार्केटिंग प्रमोशन का मूवीस के हिट या फ्लॉप होने में एक बहुत बड़ी भूमिका होती है।
अब मार्केटिंग और प्रमोशन करने के बाद कुल मिलाकर फिल्म का जो खर्च होता है वह यहां पर आ जाती है।
अब फिल्म रिलीज होने के लिए तैयार है। अब यहां आपके मन में सवाल उठ रहा होगा की अब डिस्ट्रीब्यूटर इस फिल्म से पैसे कैसे कमाता है?

Movies & TV | Plex
सबसे पहले डिस्ट्रीब्यूटर जो सेटेलाइट राइट्स(Satellite Rights) और म्यूजिक राइट्स है, वह बेच(Sell) देता है। ‘सैटेलाइट राइट्स’ मतलब जब मूवी को टीवी(TV) पर दिखाया जाता है तो TV चैनल को उस मूवी के राइट्स को खरीदने के लिए Producers और डिस्ट्रीब्यूटर्स को अच्छा खासा पैसा देना पड़ता है। तो मूवी के रिलीज होने से पहले ही इस तरह के TV ,म्यूजिक ऑनलाइन राइट्स बेचने से डिस्ट्रीब्यूटर्स एक डिसेंट अमाउंट(बड़ी रकम) जमा कर लेता है।
इसके बाद आता है मेन काम मूवीस को थिएटर्स में रिलीज करवाना। इसके लिए डिस्ट्रीब्यूटर्स(Distributor) अपने नीचे के सब-डिस्ट्रीब्यूटर्स(sub-distributors) को मूवीस के राइट बेच देते हैं। जो कि देश के अलग-अलग भागों में मौजूद होते हैं। अब यह सब-डिस्ट्रीब्यूटर्स(sub-distributors) उनके एरिया में जो सिनेमा थिएटर्स है, उनके मालिकों को यह मूवी के प्रिंट(Print) बेच(sell) देते हैं। अब जो फिल्म रिलीज होती है, और जो उस फिल्म के टिकट बेच कर पैसा कमाया जाता है उसे कहते हैं कुल आमदनी(Gross Income).
तो उस ग्रॉस इनकम(Gross Income) में से सारे टैक्स अदा कर देने के बाद जो नेट इनकम बचती है उसे थिएटर्स के मालिक डिस्ट्रीब्यूटर के साथ शेयर(share) करते हैं। जो कि लगभग(Generally) ही इन अनुपात(ratio) में बटी होती है।
Single screen theators
25:75
मतलब अगर मूवी 100 करोड़ कमाती है तो थिएटर्स 25 करोड़ रखेगा और डिस्ट्रीब्यूटर्स को मिलेंगे 75 करोड़।
Multiplex theators
मल्टीप्लेक्स में यह रेश्यो थोड़ा ज्यादा होता है,और यह हर सप्ताह के मुताबिक होता है।
Week 1- 50:50
Week 2- 60:40
Week 3- 70:30
Same as week 3
दोस्तो सब एग्रीमेंट के मुताबिक होता है। तो इस तरह से जो मूवी टिकट से पैसा कमाया जाता है उसमें डिस्ट्रीब्यूटर्स का शेयर होता है जिससे डिस्ट्रीब्यूटर्स भी प्रॉफिट कमाते हैं।
अब मान लीजिए अगर मूवी की टिकट नहीं बिकती है तो मूवी थिएटर पैसा नहीं कमा पाते। जिससे डिस्ट्रीब्यूटर्स नुकसान(lose) में चले जाते हैं, और फिल्म फ्लॉप हो जाती है।
EXAMPLE: How Do Movies Make Money
इस चीज को अच्छे से समझने के लिए एक इंडियन मूवी का उदाहरण ले लेते हैं। उदाहरण के लिए हम Example ले लेते हैं ‘हिंदी मीडियम‘ (Hindi Medium) मूवी का। How Do Movies Make Money
तो हिंदी मीडियम मूवी का बजट हम मान लेते हैं 20 करोड़, मतलब की हिंदी मीडियम मूवी 20 करोड़ की कुल खर्च पर पूरी तरह से बनकर तैयार हुई। अब मान लीजिए प्रोड्यूसर ने डिस्ट्रीब्यूटर को इस मूवी के राइट बेच दिए 40 करोड़ में। तो दोस्तों यहां पर जो इस फिल्म के प्रोड्यूसर हैं वह प्रॉफिट में आ चुके हैं 40 – 20= 20 करोड़
अब डिस्ट्रीब्यूटर ने इस फिल्म की मार्केटिंग एंड प्रमोशन पर खर्च किए इसके ऊपर 10 करोड़। तो डिस्ट्रीब्यूटर के लिए फिल्म का पूरा खर्च हो जाएगा 50 करोड़। और अब डिस्ट्रीब्यूटर ने इस फिल्म के सैटेलाइट राइट्स को 15 करोड़ में बेच दिया। तो डिस्ट्रीब्यूटर के 15 करोड़ तो यहीं से वापस(Recover) हो गया। अब डिस्ट्रीब्यूटर ने इस फिल्म को इंडिया में जो अलग-अलग ‘सब-डिस्ट्रीब्यूटर’ हैं उनको बेच दिया। और इन ‘सब-डिस्ट्रीब्यूटर’ ने अपने एरिया के मूवी थिएटर के मालिकों को।
दोस्तों मैं यहां सिर्फ सिंगल स्क्रीन थिएटर(single screen theatres) का उदाहरण ले रहा हूं। ताकि आपको यह केलकुलेशन(calculation) अच्छे से समझ में आ सके।
तो मान लीजिए इस मूवी ने कुल ‘ग्रॉस इनकम'(कुल कमाई) की 100 करोड़ की टिकट सेलिंग से। दोस्तों अब इस ग्रॉस इनकम 100 करोड़ में जीएसटी(GST) जुड़ा रहता है जो कि मूवी थिएटर को गवर्नमेंट(सरकार) को पे(pay) करना रहता है, तो यहां पर कुल इनकम हो जाएगी।
100*100/28=22 करोड़
अगर आप यह सोच रहे हैं कि यह 22 करोड़ कैसे आए तो जब हम मूवी थियेटर से टिकट खरीदते हैं तो उसके अंदर जीएसटी(GST) पहले से ही जुड़ा रहता है तो इसका मतलब इस 100 करोड़ में जीएसटी जुड़ा हुआ है। तो हमें इस 100 करोड़ का 28 पर्सेंट नहीं करना है, जो इस टिकट की मूल्य थी उस पर 28 परसेंट करना होता है जो कि आता है 22 करोड़। अब टैक्स pay करने के बाद इस मूवी का कुल ग्रॉस इनकम(कुल कमाई) हो जाएगा
100 – 22= 78 करोड़
अब इसमें जैसे हमने ऊपर रेश्यो(अनुपात) बताया था कि सिंगल स्क्रीन का 25:75 ,
उस हिसाब से अब यह डिस्ट्रीब्यूटर को चला जाएगा। तो 75 करोड़ में अगर डिस्ट्रीब्यूटर का शेयर निकालेंगे तो यह होगा
78*75/100=58.5 करोड़
उसके बाद मूवी थिएटर के पास रहेगा
78 – 58.5= 19 करोड़
तो अब हम देखते हैं कि डिस्ट्रीब्यूटर को इस मूवी से कितना प्रॉफिट हुआ है। तो डिस्ट्रीब्यूटर ने इस फिल्म की राइट्स producer से खरीदे थे 40 करोड़ में। और फिर इस फिल्म के मार्केटिंग और प्रमोशन पर उसने खर्च किए थे 10 करोड़, तो डिस्ट्रीब्यूटर की इस फिल्म पर कुल लागत हो जाएगी 50 करोड़। और डिस्ट्रीब्यूटर की इस फिल्म से पूरी कमाई हुई है सैटेलाइट राइट्स 15 करोड़, और मूवी थियेटर से 58 करोड़,तो कुल मिलाकर डिस्ट्रीब्यूटर की इस फिल्म से इनकम हो गई 73.5 करोड़। तो यहां पर अगर डिस्ट्रीब्यूटर अपनी लागत 50 करोड़ निकाल लेता है तो इनकम बचती है
73.5 – 50=23.5 करोड़
दोस्तो क्योंकि इस फिल्म को अच्छा प्रॉफिट हुआ है तो इस फिल्म को हिट या सुपरहिट घोषित कर दिया जाता है।
तो ऐसे ही जो फिल्म इंडस्ट्री(Film industry) का बिजनेस मॉडल है वह काम करता है। जैसा की हमने पहले ही आपको बताया था की कई मामलों में producer खुद ही डिस्ट्रीब्यूटर होते हैं। और फिल्म में बड़े एक्टर्स(Actors) काम कर रहे होते हैं तब फिल्म के सक्सेस(हिट) होने के चांसेस बढ़ जाते हैं इसलिए प्रोडूसर खुद रिस्क लेने के लिए तैयार होते हैं। मतलब की फिल्म पर पूरा खर्च करने को तैयार हो जाते हैं।

एक चट्टान जो देती है अण्डे ? आज तक कोई नहीं बता पाया सच ?

यहां पर है ये अजीबो गरीब हैरान कर देने वाला पहाड़ हर ३० साल में देता है अण्डे , वैज्ञानिक भी नहीं बता पाए रहस्य ?

दोस्तों दुनिया रहस्यों से भरी पड़ी है , उनमे से कुछ के बारे में हम जानते है और कुछ के बारे में हम सब जानते है लेकिन ऐसा क्यों होता है कोई नहीं बता पाया ,
आज भी हम आपको एक ऐसी ही रहस्यमयी पहाड़ी के बारे में बताएंगे जो लोगो के आकर्षण का केंद्र बनी हुयी है , अंडा देने वाला चट्टान
दोस्तों आपने जानवरो के बारे में सुना होगा और देखा होगा की वो अण्डे देते है लेकिन क्या कभी सुना है या देखा की कोई पाहड भी अंडे दे सकता है , आज हम आपको एक ऐसे ही पाहड के बारे में बताएंगे जो अंडे देता है और इसे सभी ने देखा है , लोग इसके अंडे को हाथ में ले सकते है , जब ये अण्डे देता है लोगो ने इसे देखा है , लेकिन आज तक कोई भी इस रहस्य के बारे में कुछ बता नहीं पाया ,
अंडा देने वाला चट्टान
आपको बता दे की इस तरह की घटना का पता चीन में लगा है वैसे तो चीन इस तरह की घटनाओ के बारे में पुरे विश्व में प्रशिद्ध है , लेकिन चीन के दक्षिण पश्चिम के गिझोउ प्रांत में इस बार एक ऐसी पहाड़ी देखने को मिली है जो अण्डे दे रही है , और यह के लोगो का कहना है की ऐसा हर ३० साल बाद होता है ,  इस चट्टान की ऊंचाई करीब 20 मीटर और लंबाई 6 मीटर है। इस चट्टान को चीन में ‘चन दन या‘ के नाम से जाना जाता है। इस चट्टान का रंग काला है और यह हर 30 साल में अंडे के आकार के पत्थर गिराती है।

प्रतिकात्मक तस्वीर

बता दें अपनी इस बात को लेकर यह देश आज पूरे विश्व में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। ये चिकने अंडे पहले तो एक कवच में होते हैं और चट्टान इनको सेती है लेकिन कुछ दिन बाद ये अंडे सतह पर गिर जाते हैं। इस चट्टान ने बड़े-बड़े वैज्ञानिकों का भी दिमाग हिलाकर रख दिया है.

इस चट्टान का नाम ‘चन दन या’ है। हिन्दी में इसका मतलब है अंडा देने वाला पत्थर, इन पत्थरों से निकले अंडों को स्थानीय लोग खुशी का प्रतीक मानते हैं। ये अंडे जब जमीन पर गिरते हैं तो गांव वाले इन्हें अपने घर ले जाते है। ये एक काली और ठंडी चट्टान है, जो कई क्षेत्रों में आमतौर पर मिल जाती है। लेकिन इसके अंडे देने की खबर, आज समस्त विश्व में एक चर्चा का केंद्र बनी है। साथ ही इन चट्टानो का बदलता रूप वैज्ञानिकों को भी परेशान कर रखा था।
अंडा देने वाला चट्टान

भू-वैज्ञानिकों की मानें तो ये चट्टान 500 मिलियन साल पहले की है। इस चट्टान को वैज्ञानिको ने कैंब्रियन समय का माना है। इन पत्थरों को गंडा पहाड़ के खास हिस्से से बनी थी। विशेषज्ञों के अनुसार मौसम और पर्यावरण में समय-समय पर बदलाव होने के कारण इन चट्टानों को भी कभी उच्च तापमान तो कभी बेहद ठंडा मौसम झेलना पड़ता है, जिस कारण इनकी संरचना और तत्वों में  बदलाव को देखा जा सकता है। यही वजह है कि इस पत्थर कई तरह की आकृति उभर आती हैं. हालांकि,अभी इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि इस चट्टान पर ये एकदम अंडाकार और चिकनी आकृतियां कैसे बनती हैं।

अंडा देने वाली चट्टाने


अंडा देने वाली चट्टाने

बच्चों में अश्लीलता कैसे पनप जाती है?

काफी समय पुरानी बात है, उस दिनों मैं 5th class में था।
मेरा घर सड़क से लगा हुआ था, रात का समय था। मैं अपने पापा को देखने घर से बाहर निकला और वहाँ मैंने दो अंजान बन्दों को देखा, उसमें से एक बन्दे के पास Sigmatel Company का Touch Screen Phone था। उस समय वह Phone हमारे शहर में नया-नया आया था।
उस बन्दे ने मेरी ओर देखा और मुझे बुलाया।
मैं उसके पास गया, उसने मुझे कहा,
"मैं तुम्हें कुछ दिखाऊँगा, पर तुम्हें वादा करना होगा कि, तुम उसके बारे में किसी को नहीं बताओगे।"
मैंने हँसते हुए वादा कर दिया।
"ठीक है, मैं किसी को नहीं बताऊँगा।"

Cu Teenage Boy Watching A Movie On His Phone In His Bedroom High ...
और फिर उसने मुझे अपने Phone की Gallery Open कर नग्न महिलाओं की तस्वीरें दिखाई और ऐसी बातें कहीं, जिन्हें देखने और सुनने के पहले मुझे बहरा और अंधा हो जाना चाहिए था।
5th class के छोटे बच्चों को Porn दिखाना सही है?
वे दो व्यक्ति जिन्होंने ऐसा किया, उनकी सोच कितनी गिरी होगी और वे जब भी पिता बनेंगे, अपने बच्चों को क्या यहीं शिक्षा देंगे? हम यह जानते ही हैं कि, आनुवांशिकता के कारण माता-पिता से उनके कई गुण बच्चों में जाते हैं, तो क्या ऐसा हो सकता है कि, उनके बच्चे अश्लीलता की ओर अपने पिता के मुकाबले अधिक तेजी से बढ़े?
आज कल हर किसी के पास Smartphone है, और सभी को Pop Up के बारे में मालूम होगा। Internet पर कई ऐसी websites हैं, (जैसे Movie downloading sites) जो Popups के जरिए Porn Sites पर भेज देती हैं। अब चाहे जो व्यक्ति (चाहे वह बच्चा क्यों न हो) जो अश्लीलता जानता भी न हो, वह भी अश्लीलता से अनछुआ नहीं रह जाता।
मेलों में मिलने वाली कुछ सस्ती किताबों में भी आपत्तिजनक advertisement होती है। कई शहरों में खासकर जब आप Train या Bus से सफर करते हैं तो आपको दीवारों में Sex और गुप्त रोग आदि नाम पढ़ने मिल जाते हैं। जो बच्चे ज्यादा चतुर होते हैं, वे इन शब्दों का मतलब पता करने की खोज में निकल पड़ते हैं।

Spanish teen took mom to court after she took his phone | Daily ...
मैं करीब 4th class से newspapers पढ़ते आ रहा हूँ, और ऐसा कोई दिन नहीं रहा, जब मैंने यह पाया हो कि, आज Newspaper में सेक्स सम्बंधित दवाओं के विज्ञापन नहीं हैं। मैं ने अपने घर के बिल्कुल ही आसपास जापानी तेल का विज्ञापन लिखा देखा है। कई बार family से साथ TV देखने के दौरान Condom के advertisement देखे हैं।
मैं एक ऐसे बच्चे को भी जानता हूँ जो फिलहाल 8th class में पढ़ रहा है, जब वह 6th class के exams के बाद छुट्टियों में अपने मामा के घर गया, तो वहाँ उसने अपने Cousins के साथ Porn Videos से अनन्त ज्ञान हासिल किया, कई तरह की गंदी बातों से अपने मन को मैला किया, जिसने उसकी गन्दी आदतों को भी पोषित किया।
मेरे एक दोस्त ने यह कबूल किया था कि वह 7th class से masturbation करते आ रहा है। उसने अपने दोस्तों के साथ Govt. school में Porn से सम्बंधित बातें की थी और शायद उन्हीं के साथ पहली बार Porn Videoes देखी थी।
हर बच्चा Rape, बलात्कार, छेड़खानी, लड़की से जबर्दस्ती करना, प्रताड़ित करने, आदि चीजों से वाकिफ है, हमें लगता है कि, वह नादान है, कुछ नहीं समझता, और ऐसा समझना हमारी नादानी, ह्मारी वेबकूफ़ी का परिचय देता है, अपने बच्चों से इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा करें, उसे सबकुछ समझायें, चीजों को देखने का सही नजरिया दिखाएँ।
बच्चों में अश्लीलता फैलने के लिए मैं मुख्य दोषी समाज के लोगों को ही मानता हूँ। माँ-बाप और समाज बच्चों के प्रति उदासीन होते हैं और प्रकृति द्वारा बनाये उस नियम के बारे में ही बात करने से डरते हैं, जिसके कारण ही प्रत्येक जीव जन्म लेता है।
मेरे एक शिक्षक ने जैसा कहा था कि, अधूरा ज्ञान विष समान होता है, वर्तमान में Sex सम्बंधित अधूरा ज्ञान ही युवा पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी के लिए विष की भांति काम कर रहा है, औए इसलिए यह बेहद जरूरी है कि, हम उन्हें सही शिक्षा देकर अपने कर्तव्य का पालन करें। उन्हें भटकने से रोकें, उन्हें उन्नति की ओर ले जाएं।
यह 2014 कि बात होगी, जब मेरे भाई ने जब नई-नई Mobile shop open की थी तो, कभी कभी मैं भी Shop पर बैठ जाया करता था। मैंने Memory Cards बेचें और उनमें Songs और Photos upload करने के दौरान मैंने एक बात जो जानी, पहले नए Memory Cards पहले से ही Photos और Music से भरे होते थे। Songs में कुछ पुराने और कुछ नए songs होते थे और Photos में कुछ Actress और कुछ देवी-देवताओं की Photos होती थी। उन दिनों शहर में शायद ही ऐसा कोई मध्यम या गरीब वर्ग का व्यक्ति होगा, जिसके Phone में blouse दिखाने वाली, कामुक कहलाई जाने वाली Actresses या अन्य महिलाओं की Photo न हो।
कई व्यक्ति उन्हीं तस्वीरों को अपने Phone का wallpaper बनाये होते हैं, और यह स्पष्ट नजर आता है कि, उन्हें इस बात से जरा भी फर्क नहीं पड़ता होगा कि, उन तस्वीरों से उनके बच्चों पर किस तरह का प्रभाव पड़ता होगा।
कई घरों में अनपढ़ लोगों को तो बच्चे बड़ी आसानी से बेवकूफ बना देते हैं, किसी भी बहाने से Memory Cards में Porn Videos Downlaod कराने और internet के लिए पैसे ले लेते हैं, अपनी मनमर्जी पूरी करा लेते हैं और फिर नाममात्र की खुशी के लिए अपना जीवन बर्बाद करते हैं।
मैंने कई लड़कों को जिनकी उम्र 14 साल भी नहीं होगी, उन्हें सड़क किनारे दोस्तों के साथ बैठकर keypad phone में Porn देखते हुए देखा है।
दूसरी घटना 2018 की होगी। मैं एक library में गया था। वहाँ पर कुछ Convent schools के बच्चे भी थे, जिनमें से दो 9th और 7th के होंगे। मैंने एक table पर book रखी देखी, उसका title मुझे उसकी और खींच ले गया।
उस किताब का title था, Why Men Want Sex And Women Need Love, मैं इस title को पढ़कर सोच में पड़ गया, मैंने सोचा, अगर यहीं सच्चाई है, तो ऐसा क्यों है और एक लड़का होने के नाते और सवाल का जवाब जानने मैंने उस किताब को उठाया और पढ़ना शुरू कर दिया और तब 9th class के बच्चे ने उस किताब को मेरे हाथ में देखा, शायद मुझसे पहले भी उसकी नजर उस किताब पर पड़ी होगी, और उसने 7th class के बच्चे को अपने पास बुलाकर उसके कान में कुछ कहा। वह बच्चा मेरे पास आया, मुझसे Excuse me! बोलकर उस किताब का front page देखा और बजाए पूरे Title को पढ़ने के उसने सिर्फ एक शब्द Sex पड़ा और शैतानी हँसी सी हँसते हुए वहाँ से चला गया।
आप सभी समझ सकते हैं, उस दौरान उसके दिमाग में क्या चल रहा होगा?

Romantic girl boy watching movie Stock Photos - Page 1 : Masterfile
यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है कि, 9th class के लड़के ने अपने बड़े और समझदार होने का कोई परिचय नहीं दिखाया, पर साथ ही जो उसके दिमाग में भरा था, वहीं उसने 7th के student के दिमाग में भरने की कोशिश की।
इसके अलावा, मुझे सबसे बड़ा दुःख तब हुआ, जब मैंने लगभग 8 साल के बच्चे को खुशी से Bra-Panty के Box में बनी महिला की photo को शहर भर में घूम-घूम कर लोगों को दिखाते हुए देखा।
आज के समय जिस तरह की Movies release हो रही हैं, वे छोटे बच्चों की पहुँच से दूर रखी जानी चाहिए। आज की फिल्मों में अश्लीलता और अपशब्दों की भरमार है, फिल्मों में पहले तो ऐसे नृत्य दिखाए जाते थे, जिन्हें लड़के-लड़की खुशी से copy करने की कोशिश करते थे, पर आजकल तो dance में भी अश्लीलता कूट-कूट कर भरी हुई है। ऐसे जिन्हें आप बच्चों को copy करते देख बिल्कुल भी देखना नहीं चाहेंगे।
बच्चों को Sex Education न मिलना भी अश्लीलता पनपने की सबसे बड़ी समस्या है, क्योंकि, अगर हम Sex और उससे जुड़े शब्दों के सही मायने बच्चों को समझा दें, तो वे उनका गलत मतलब नहीं निकालेंगे।

लोग कैसे देखते हैं जब आप अपने आंतरिक वस्त्र बाहर सुखाने डालते हैं?

Why you need to wash your underwear separately | The Times of India

मम्मी एक नजर देखती हैं और फिर वापस अपने काम में लग जाती हैं।
भाई एक नजर देखता है और वापस पब जी खेलने में लग जाता है।
पापा एक नजर देखते हैं और पेपर पढ़ने में व्यस्त हो जाते हैं।
पति एक नजर देखते हैं, पगलू कह कर वापस अपने काम में व्यस्त हो जाते हैं।
यही लोग देखते हैं वो भी ऐसे की चलो कुछ काम तो कर रही हैं देवी जी😂
बस इतने ही लोगों को देखा है मैंने, बाकी अड़ोसी पड़ोसी की तरफ मैं ही नहीं देखती, क्योंकि मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, कौन कैसे देख रहा है।

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सबकी अपनी ज़िन्दगी है, सब बड़े व्यस्त हैं, कोई नहीं देखता कौन क्या कर रहा है।
और अगर कोई देख रहा है तो देख ले भाई बहन, कुछ अजूबा तो हो नहीं रहा यहां।
जमाने रवाना कर दो अब ये ऐसे विचार वाले, यही आशा करती हूं ।
खुश रहो और सबको खुश रखो😊 सिर्फ महिलाओं का ही नहीं, हर इंसान का सम्मान करो।
मम्मी पापा, जीवनसाथी से जी भर के प्यार करें❤️।

हमारे अंधविश्वास और उसके पीछे का विज्ञान | 5 Superstitions and their Logic Behind Them

नमस्कार दोस्तों ....
 हमारे भारत में अंधविश्वास बहुत ज्यादा है , या यूँ कहिये भारत में अन्धविश्वास पर सबसे जल्दी विश्वाश किया जाता है , लेकिन आज  में आपको ५ सबसे ज्यादा प्रचलित अंधविश्वास और उनके पीछे के विज्ञानं या लॉजिक के बारे में बताऊंगा , 

1. CAT CROSSING YOUR PATH :

  जब बिल्ली आपका रास्ता काट जाए तो आपके साथ कोई अनर्थ , अनहोनी हो जाएगी

Black Cat Superstition: Does a Black Cat Crossing Path Influence ...

पुराने जमाने में लोग का जगह से दूसरी जगह जाने के लिए घोडा गाड़ी या बेल गाड़ी का इस्तेमाल करते थे , और गर जंगली बिल्ली उनके सामने से गुजरती थी तो उस गाड़ी को चलने वाले जानवर , यानि घोडा या बेल उस बिल्ली से डर जाते थे क्योकि बिल्ली की आँखे रात के अँधेरे में चमकती है ,जिसके कारण गाड़ी का बैलेंस बिगड़ जाता था , इसलिए अगर कोई बिल्ली सामने से गुजर जाती थी तो उस बेल गाड़ी या घोडा गाड़ी को वहीं पर रोक दिया जाता था , 
समय बीतता गया और लोग जंगली बिल्ली की जगह पालतू या गांव शहर में रहने वाली बिल्लियों के बारे में भी ऐसा सोचने लगे और धीरे धीरे मान्यता यह बन गयी की अगर बिल्ली रास्ता काट जाती है तो कोई अनहोनी हो जाएगी ,

2. HANGING LEMON AND SEVEN GREEN CHILIES IN SHOP AND BUSINESS PALACE :

   दुकान या बिज़नेस के दरवाज़े पर एक नीबू और ७ हरी मिर्च से बनी माला लटकाना :

Any scientific reasons behind the lemon and chilies (nimbu, mirchi ...

इसके पीछे की मान्यता यह है की अलक्ष्मी नमक एक देवी है जो दुकानदार और व्यापारी यानि बिज़नेस मेन के घर में BAD LUCK , यानि दुर्भाग्य लाती है , और इस देवी को तीखी और खट्टी चीज़े पसंद है इसलिए नीबू और हरी मिर्च से बनी माला दुकान और व्यापर की जग के दरवाज़े पर टाँग देते है ताकि जब अलक्ष्मी आये वो इसे पाकर खुश हो जाए और वापिस चली जाए , 
             दोस्तों ये तो थी पुराणी मान्यताए अब हम आपको बताते है इसके पीछे का वैज्ञानिक लॉजिक , दोस्तों जिस कॉटन के धागे से नीबू और मीर्च को जोड़ा जाता है वह नीबू के जूस को सोख लेता है यानि absorb कर लेता है और इसकी खुसबू के चलते कीड़े मकोड़े , मक्खी आदि तरह के जिव जंतु दुकान या व्यापर की जगह के अंदर नहीं आते ये है इसका वैज्ञानिक लॉजिक , 


3.DO NOT SLEEP WITH YOUR HEAD FACING THE NORTH 

    उत्तर दिशा में सिर करके नहीं सोना चाहिए :

5,000+ Free Sleep & Sleeping Images - Pixabay

भारत में हम ये तो मानते है की हमे उत्तर दिशा यानि NORTH की तरफ सिर करके नहीं सोना चाहिए , पर बहुत काम लोगो को पता है की ऐसा क्यों करते है , हमारी बॉडी के चारो तरफ एक चुंबकीय छेत्र , यानि MAGNETIC  FIELD  बनी रहती है , और हमारी  धरती के चारो तरफ भी मैग्नेटिक फिल्ड है और उत्तर यानि north में अपना सिर करके सोओगे तो धरती की मैग्नेटिक फील्ड और आपके शरीर की मैग्नेटिक फील्ड एक साथ मिल जाएगी जिसके कारण आपको उच्च रक्तचाप , यानि high blood  Pressure  और दिल की बीमारी का खतरा बाद जाता है इसलिए आपको नार्थ की तरफ सिर करके नहीं सोना चाहिए ,  


4. PEEPAL TREE IS A GOD :

   पीपल का पेड़ भगवान होता है ,

15 Powerful Uses Of Peepal Tree For Health And Beauty | Kama Ayurveda

आपने देखा होगा की पीपल के पेड़ की पूजा हर गांव और शहर में होती है , लेकिन बाकि पेड़ो की पूजा नहीं होती तो पीपल का पेड़ सबसे अलग कैसे , आपको पता होगा की कोई भी पेड़ अपना भोजन बनाने के लिए फोटोसिंथेसिस करता है यानि सूरज की रौशनी में अपना भोजन बनता है और इस क्रिया में वह ऑक्सीज़न छोड़ता है और कर्बोन डाई ऑक्ससीडे CARBON  DIOXIDE को अपने अंदर खींचता है , और रात के समय ठीक इसका उल्टा होता है यानि लगभग सभी पेड़ ऑक्सीज़न लेते है और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते है , पर पीपल का पेड़ रात के समय भी  एक अलग प्रकार का फोटोसिंथेसिस कर सकता है , जिसे हम CAM यानि CRASSULACEAN  ACID METABOLISM कहते है , इसके जरिये पीपल का पेड़ रात को भी ऑक्सीज़न छोड़ता है , इसी के साथ इसके पत्ते भी आयुर्वेदिक दवाई बनाने में काम आते है , इन्ही सब करने के चलते हम पीपल को पूजते है और मानते है की पीपल में भगवान रहते है , 



5. EAT CURD AND SUGAR BEFORE HEADING OUT ;

     बहार जाने से पहले दही और चीनी खाकर जाना :

संदीप ठाकुर on Twitter: "आप सभी धर्म ...

ये अंधविश्वास भारत के लगभग हर घर में किया जाता है और ऐसा मन जाता है की अगर हम दही और चीनी घर से खाकर निकलेंगे तो हमे किसी भी काम में सफलता मिलेगी , 
इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण ये है की दही हमारे पेट को ठंडा रखती है और जरूरी काम के दौरान पेट को खराब होने से बचाती है और जो चीनी दही में होती है उससे हमे ऊर्जा यानि ENERGY  मिलती है जिस से हम अपना काम अच्छे से कर सकते है , 
इसलिए हमें कोई भी इम्पोर्टेन्ट काम से पहले दही खाना चाहिए , 

दोस्तों अगर जानकारी पसंद आयी तो शेयर कीजिए , 

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