महान शिव भक्त क्यों बन गए अघोरी , क्यों रहते है शमसान में , क्या है इसके पीछे की कहानी ?

 नमस्कार दोस्तों ...

दोस्तों इस पोस्ट में बात करेंगे की कैसे एक शिव भक्त एक शाप के कारन अघोरी बन गया , अघोरी मतलब वो साधु शांत जो शमशान में पूजा करते है और सिद्धि प्राप्त करते है , आखिर ये शमशान में ही पूजा क्यों करते है , 

सबसे पहले हम आपको बताते है की अघोरी कौन होते है और इन्हे अघोरी क्यों कहा जाता है , आपको बता दे की अघोरी विद्या डरावनी नहीं होती बस उसे पाने का तरीका डरावना होता है , अघोरी का साधारण भाषा में हम उसे भी कहते है जो सरल हो , जिसमे किसी तरह का भेदभाव न हो जो सबको एक सामान देखता हो , 



इसलिए अघोरी हर वो काम करता है जिससे आम मनुष्य को भय यानि डर होता है या जिससे आम मनुष्य भेद भाव करते है , एक अघोरी साधु खुले आम या चोरी छिपे शमशान में रहते है , कहा जाता है की अघोरी कच्चा और सड़ा गला मांश भी खा जाते है ,और इसके पीछे उनका तर्क यह होता है की उनके लिए कोई भी चीज़ अच्छी या बुरी नहीं , न ही कोई वास्तु गन्दी या खूबसूरत नहीं , 

और कोई भी मनुष्य तभी अघोरी बन सकता है जब वो अपने मन से घृणा को निकाल दे , अर्थात अघोरी वही बन सकता है जिसके अंदर प्रेम , घृणा , मोह , लाभ , लालच कुछ ना रहे , इनके ह्रदय के अंदर किसी भी सांसारिक चीज़ के लिए कोई जगह नहीं होती और जगह होती है तो फिर शिव के लिए , तो अब बात ये उठती है की जब ये शिव भक्त है तो इन्हे अघोरी क्यों कहा जाता है , 

इसका वर्णन शिव पुराण में किया गया है जिसके अनुसार भगवन शिव के ससुर प्रजापति दक्ष एक बार एक सभा में गए जहा एक हवन का आयोजन होना था , जैसे ही प्रजापति दक्ष आयोजन में पहुंचे तो सभी उनके सम्मान में खड़े हो गए , लेकिन ब्रह्मा देव और भगवानशिव अपने अपने स्थान पर बैठे रहे , ये देखकर दक्ष को बहुत गुस्सा आया इसलिए उन्होंने जब सोचा की ब्रह्मा देव तो मेरे पिता है इसीलिए वो मेरे आदर के लिए खड़े नहीं हुए , परन्तु शिव तो मेरी बेटी का पति है इसलिए उसे मेरे सम्मान में खड़ा होना चाहिए था , ये सोचकर दक्ष ने हाथ में जल लिया और भगवान शिव के ऊपर फेकते हुवे श्राप दे दिया और कहा की आज से शिव किसी भी यग के भागी नहीं होंगे , और ऐसा कहकर दक्ष वहां से चले गए , ऐसा सुनकर भगवान शिव ने कुछ नहीं कहा लेकिन इस पर भगवान शिव के वाहन नंदी को बहुत क्रोध आया , 

इस पर उसने भी कहा की दक्ष ने शिव को एक साधारण मनुष्य समझते हुए शाप दिया है तो में भी यहाँ उपस्थित समस्त ब्राह्मणो को ये शाप देता हूँ की आप सभी ज्ञान रहित हो जाएंगे , और भूख मिटाने के लिए आपको घर घर भिक्षा मांगनी होगी , वही सभा में ऋषि भृगु बैठे हुए थे उन्हें भी इस शाप को सुनकर क्रोध आ गया और उन्होंने भी श्राप दे दिया की जो भी भगवान शिव का भक्त बनेगा वे सभी वेद सस्त्रो के अनुसार ढोंगी और पाखंडी कहलाएंगे , वो जटा धारण करेंगे , शरीर में भसम लगाएंगे , और ये सभी शिव भक्त मांस मदिरा का सेवन भी करेंगे और इनका निवास स्थान भी शमसान होगा , और दोस्तों ऋषि भृगु के इसी श्राप के कारन भगवान शिव का अघोरी रूप सबके सामने आया , जिसके बाद उनके भक्तो को भी अघोरी कहा जाने लगा , 


महान शिव भक्त क्यों बन गए अघोरी , क्यों रहते है शमसान में , क्या है इसके पीछे की कहानी ? 

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