
त्रेतायुग को भगवान राम का युग कहा जाता है ! जब श्री राम को 14 साल का वनवास हुआ ,उस दौरान उन्होंने कई कष्ट भोगे ! साथ ही कई लोगों से अपनापन और प्रेम प्राप्त किया ! शबरी , हनुमान जी , सुग्रीव , जटायु , नल, नील , विभीषण जैसे नामों की शृंखला बहुत लम्बी है ! सुग्रीव बहुत ही शक्तिशाली बानर था ! लेकिन सुग्रीव का भाई बाली भी उसी के समान बहुत शक्तिशाली था ! लेकिन क्या आप सब जानते है कि बाली और सुग्रीव का जन्म कैसे हुआ ? आज हम आपको बाली और सुग्रीव के जन्म से संबंधित एक बहुत ही रोचक और महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आये है ! दोस्तों ! शायद आप में से कुछ ही लोग ये जानते होंगे कि बाली और सुग्रीव का जन्म अपनी माँ के गर्भ से नहीं अपितु पिता के गर्भ से हुआ था ! शास्त्रों में वर्णित कथा के अनुसार ऋक्षराज नाम का एक बड़ा शक्तिशाली बानर ऋष्यमूक पर्वत पर रहता था ! वह अपने बल के घमंड में इधर उधर विचरण करता रहता था ! उस पर्वत के पास में एक बड़ा ही सुंदर सरोवर था , लेकिन उस सरोवर की यह विशेषता थी कि जो कोई उसमे स्नान करता , वह एक अत्यंत सुंदर स्त्री बन जाता ! ऋक्षराज को यह बात मालूम नहीं थी ! एक दिन वह स्नान करने के लिए उस सरोवर में गया और जैसे ही स्नान करके बाहर आया तो उसने देखा कि उसका शरीर बहुत सुंदर स्त्री के रूप में परिवर्तित हो चुका है ! यह देखकर उसे बहुत शर्म महसूस हुई , परन्तु वह क्या कर सकता था ? वो वही पर ही बैठ गया ! इतने में देवराज इन्द्र की दृष्टि उस स्त्री पर पड़ी ! उस सुंदर स्त्री को देखते ही उनका तेज स्त्री के रूप में परिवर्तित ऋक्षराज के बालों पर गिरा ! उस तेज की दिव्यता के कारण एक बालक का जन्म हुआ , जिसका नाम बाली पड़ा !

ऋक्षराज विचारों में उलझा हुआ पूरी रात उसी स्थान पर बैठा रहा ! सूर्योदय के समय जब सूर्यदेव आकाश मंडल में उदित हुए तो उनकी दृष्टि अप्सरा के समान सुंदरी ऋक्षराज पर गयी ! सूर्यदेव ऋक्षराज पर मोहित हो गए और उनका तेज ऋक्षराज की ग्रीवा पर गिरा जिससे एक और बालक का जन्म हुआ जिसका नाम सुग्रीव हुआ ! ऋक्षराज के पास ऐसा कोई उपाय नहीं था जिससे वो अपने पुराने रूप में वापिस आ सके ! तब स्त्री बना ऋक्षराज गौतम ऋषि के आश्रम में गया और दोनों पुत्रों को उन्हें सौंप दिया और उनसे अपने बानर रूप में वापिस आने का उपाय पूछा ! तब ऋषि गौतम ने उसे ब्रह्माजी की आराधना करने को कहा ! अपने दोनों पुत्रों को गौतम ऋषि को सौंप के ऋक्षराज ब्रह्मा जी की कठिन तपस्या करने लगा ! कुछ वर्षों के बाद उसकी कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्म देव ने उसे दर्शन दिए ! ब्रह्म देव को अपने सामने पाकर उसने ब्रह्म देव को प्रणाम किया और वापिस अपने पुराने शरीर में आने का वरदान माँगा ! तब ब्रह्मा जी ने उसे वापिस उसी सरोवर में स्नान करने को कहा और कहा कि मेरे आशीर्वाद से तुम अपना बानर रूप फिर से प्राप्त कर लोगे ! तब स्त्री बना ऋक्षराज ने जब उस सरोवर में स्नान किया तो वह पुन्नः अपने बानर रूप में लौट आया ! साथ ही ब्रह्माजी ने उस सरोवर का जल सदैव के लिए सूखा दिया ! वापिस अपने बानर रूप में आकर ऋक्षराज गौतम ऋषि के आश्रम में पहुंचा और अपने पुत्रों के साथ ऋष्यमूक पर्वत पर रहने लगा ! बाली और सुग्रीव दोनों भाई देखने में एक जैसे ही थे !

दोनों में एक दूसरे के बराबर ही बल था ! अपने पिता की मृत्यु के पश्चात बाली और सुग्रीव दोनों भाइयों ने किष्किंधा नाम का एक नगर बसाया और वही पर अपना साम्राज्य स्थापित किया और जैसा कि आप सब लोग जानते है कि बाली को वरदान प्राप्त था कि जो भी उसके सामने आएगा , उसका आधा बल बाली को प्राप्त हो जायेगा ! इस कारण वह बहुत ही घमंडी हो गया था ! जब अपने भाई सुग्रीव की पत्नी को बंदी बनाकर तथा सुग्रीव को किष्किंधा से निकालकर वह बहुत अनाचारी हो गया था ! बाद में श्री राम के हाथों उसकी मृत्यु हुई थी !

Observing Influencers gone wild, it’s clear that social media amplifies extreme behavior. Creators often feel compelled to innovate beyond traditional limits.
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