इंसान एक दुकान है , और जुबान उसका ताला ,
ताला खुलता है तभी पता चलता है की दुकान सोने की है या कोयले की ,,
सिक्के हमेशा आवाज करते है और नोट हमेशा खामोश रहते है ,
इसलिए जब आपकी कीमत बड़े तो चुप रहना ,
क्योकि आपकी हैसियत का शोर मचाने का जिम्मा आपसे कम कीमत वालो का है ,,
जिंदगी जीने का मकसद खास होना चाहिए
और अपनी आप पर विश्वाश होना चाहिए
जीवन में खुशियों की कमी नहीं होती
बस खुशियों को मनाने का अंदाज़ होना चाहिए
अपने हौसले को यह मत बताओ
की तुम्हारी तकलीफ क्या है
बल्कि अपनी तकलीफो को यह बताओ
की तुम्हरे अंदर हौसला कितना है
जरूरत के मुताबिक जिंदगी जियो
खाव्हिसो के मुताबिक नहीं
क्योकि जरूरत फ़क़ीर की भी पूरी होती है
और ख्वाहिशे बादशाह की भी अधूरी रहती है
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