भगवान ने राक्षशो को भी वरदान दिए लेकिन भगवान आपकी क्यों नहीं सुनते ? भगवान आपकी कब सुनगे ? इसके लिए आपको क्या करना होगा ?

 नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट में हम बात करेंगे की कैसे भगवान को प्रशन्न किया जाता है , कैसे भगवान आपकी बात को सुनते है , कब सुनते है , ये सब बातें आप इस post मे पढ़ेंगे , 



कई बार ऐसा होता है की हम या कोई भी अपने मन मे कोई मनोकामना लेकर मंदिर जाना शुरू करते है , एक दिन , 2 दिन , एक महीना , 2 महीना , 3 महीना जाकर ये कहने लगते है की भगवान हमारी सुन नहीं रहा इसका क्या कारन है , इसके पीछे का कारण है की भगवान आपको आजमाता है , भगवान आपको परखता है की आपको भगवान पर कितना विश्वाश है , आप भगवान को लेकर कितने द्रढ़ निश्चय रखते हो , 

इससे अलग पंडित प्रदीप जी मिश्रा बताते है की ये ठीक उसी तरह से है जैसे एक सेठ के यहाँ 5 नौकर है जिनमे 1 नौकर को अभी दस दिन हुए है , एक को एक महीना , एक को 6 महीने , और एक को एक साल सेठ जी के यहाँ हो गया लेकिन इन पांच नौकर मे से एक नौकर ऐसा है जिसको सेठ जी के यहाँ 5 साल हो गए , तो सेठ जी को अगर अपना कोई काम जो बहुत ज्यादा गुप्त है , या अपने घर पर सेठ जी को कुछ पैसे पहुचाने है तो सेठ जी उस नौकर पर सबसे ज्यादा विश्वाश करेंगे जो सबसे पुराना है और सेठ जी का विश्वाश उस पर जम चूका है , 

ठीक उसी तरह से जैसे जैसे आपकी भक्ति पुरानी होती है भगवान आपके नजदीक आते जाते है , भगवान को भी आपके द्रढ़ निश्चय का पता चल जाता है , आप भगवान की परीक्षा मे जब तक पास नहीं होते तब तक भगवान आपको कुछ नहीं देते , अगर समय से पहले और भाग्य से अधिक कुछ चाहिए तो भगवान पर निरंतर विशवश रखे , अपने विशवश को डगमगाने ना दे , भगवान आपकी सुनेगा और जरूर सुनेगा , आपको जो चाहिए वो जरूर मिलेगा , अगर आप विश्वाश से लगे रहोगे तो आप देखोगे की आपको वो सब मिलेगा जो आपको चाहिए , 

क्योकि भगवान ने तो राक्षसो को भी उनके मनवांछित वरदान दिए है जबकि भगवान को ये भी पता था की ये इस वरदान के कारण क्या कर सकते है , फिर आप तो एक इंसान हो जो सिर्फ अपने लिए मांग रहे हो , ऐसे मे आपका पक्ष और विश्वाश करने के कारण और भी पक्का हो जाता है , तो आप डगमगाए नहीं , विशवाश ना खोए , द्रढ़ निश्चय के साथ लगे रहे , 


भगवान ने राक्षशो को भी वरदान दिए लेकिन भगवान आपकी क्यों नहीं सुनते ? भगवान आपकी कब सुनगे ? इसके लिए आपको क्या करना होगा ?   

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